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बिहार

मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना अंतर्गत 30,545 किमी से अधिक सड़कों का हो रहा संधारण

Bihar News: मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना से बिहार के गांवों की सूरत बदली, सड़क कनेक्टिविटी, रोजगार और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिला नया बल।

Author Written By: Namrata Mohanty Author Published By : Namrata Mohanty Updated: Aug 6, 2025 11:40

Bihar News: मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना (एमएमजीएसयूवाई) के अंतर्गत ग्रामीण पथ सुदृढ़ीकरण एवं प्रबंधन कार्यक्रम के लागू किए जाने से न केवल राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों की बुनियादी संरचना को मजबूती मिल रही है, बल्कि इससे गांवों की तस्वीर भी तेजी से बदल रही है। यह योजना अब केवल सड़कों के संधारण तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह ग्रामीण आर्थिक विकास, रोजगार सृजन और सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में एक मजबूत आधार बन चुकी है।

पुनर्निर्माण की मिली स्वीकृति

अबतक इस योजना के तहत कुल 17,927 ग्रामीण पथों जिनकी लंबाई 30,545.378 किलोमीटर के पुनर्निर्माण की प्रशासनिक स्वीकृति मिली है। इन सड़कों ने राज्य के हजारों गांवों को हर मौसम में निर्बाध संपर्क, बाजारों तक आसान पहुंच, स्कूलों और स्वास्थ्य केंद्रों तक आवागमन की सुगम सुविधाएं प्रदान कर रही हैं। राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क सुदृढ़ीकरण एवं प्रबंधन कार्यक्रम को भी लागू किया है। यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना का एक महत्वपूर्ण अव्यव है, जिसे राज्य मंत्रीपरिषद् द्वारा पिछले साल नवंबर में स्वीकृति दी गयी है। इसका उद्देश्य राज्य के ग्रामीण इलाकों में स्थित सड़कों का दीर्घकालिक सुदृढ़ीकरण और प्रभावी रखरखाव करना है।

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ग्रामीण कार्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 17,927 स्वीकृत पथों में से 11,985 पथ जिसकी लम्बाई 20,998 किलोमीटर का कार्यारम्भ किया जा चुका है। सभी स्वीकृत पथों का प्रारंभिक सुधार का कार्य वितीय वर्ष 2025-26 में किये जाने का लक्ष्य है।

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गहरा है उद्देश्य

इसके साथ ही बिहार सरकार ने मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क सुदृढ़ीकरण एवं प्रबंधन कार्यक्रम भी लागू किया है। यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसका उद्देश्य राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित सड़कों का दीर्घकालिक सुदृढ़ीकरण और प्रभावी रखरखाव करना है। इस कार्यक्रम के तहत पथों का दो बार कालीकरण किया जाएगा, ताकि उनकी सतह मजबूत बनी रहे और सड़क की Riding Quality बनी रहे।

इस योजना का एक और अहम पहलू यह है कि सभी संवेदकों को Rural Road Repair Vehicle रखने का निर्देश दिया गया है। ताकि किसी भी प्रकार की त्रुटि का प्रतिक्रिया समय (Response Time) के अधीन समाधान किया जा सके और सड़क का उपयोग करने वालों को यात्रा के दौरान कोई असुविधा न हो। राज्य सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि हर वित्तीय वर्ष के बाद पंचवर्षीय अनुरक्षण अवधि से बाहर हुए सड़कों का चयन कर उन्हें फिर से उन्नत किया जाएगा, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क नेटवर्क की गुणवत्ता और स्थायित्व बनी रहे तथा क्षरण में बचाया जा सके।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिली नई रफ्तार

इस योजना के कार्यान्वयन से स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर सृजित हुए हैं। किसानों के कृषि उत्पादों को बड़ा बाजार मिला है। गांव से शहरों तक आसान पहुंच होने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नगदी का प्रवाह बढ़ा है और ग्रामीण परिवारों की आय पर इसका सीधा असर देखा जा रहा है। नई सड़कों ने किसानों को अपनी फसल को समय पर बाजारों तक पहुंचाने का सुगम रास्ता दिया है, जिससे कृषि उपज की गुणवत्ता बनी रहती है और किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य भी मिल रहा है।

इसके अलावा, ग्रामीण इलाकों में छोटे व्यापार, दुग्ध व्यवसाय और ग्रामीण पर्यटन जैसे क्षेत्रों को भी इससे काफी लाभ हुआ है। इन प्रयासों से माननीय मुख्यमंत्री का यह सपना भी साकार होता दिख रहा है कि राज्य के किसी सुदूर क्षेत्र से राजधानी पटना तक की दूरी महज 4 घंटे में तय की जा सके।

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First published on: Aug 06, 2025 11:40 AM

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