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बिहार

बिहार का एक और बेटा सिकंदर बॉर्डर पर शहीद, नालंदा में पिता बोले-गर्व है देश के काम आया

Sikandar Raut Bind martyred बिहार का एक और बेटा सिकंदर राउत बिंद बॉर्डर पर शहीद हो गया। शहीद बेटे की खबर सुनते ही नालंदा जिले के उतरथु गांव में उसके बुजुर्ग पिता कांप उठे। बोले भगवान ने बुढ़ापे की लाठी छीन ली, लेकिन गर्व है कि वो देश के काम आया।

Author Edited By : Vijay Updated: May 14, 2025 18:57
Sikandar Raut Bind (file photo)
Sikandar Raut Bind (file photo)

Sikandar Raut Bind martyred बिहार के नालंदा जिले के उतरथु गांव में शोक की लहर है। गांव का जांबाज बेटा, सिकंदर राउत बिंद, बुधवार को जम्मू-कश्मीर में देश की रक्षा करते हुए पाकिस्तान की गोलीबारी में शहीद हो गया। जैसे ही यह दुखद समाचार गांव में पहुंचा, हर चेहरा मायूस हो गया। परंतु सबसे बड़ा दुख यह था कि कोई भी यह साहस नहीं जुटा पाया कि बूढ़े पिता प्रताप राउत बिंद को यह बता सके कि उनका सबसे प्यारा बेटा अब इस दुनिया में नहीं रहा। जब अंततः प्रताप राउत को यह दर्दनाक खबर दी गई, तो उनकी आंखों में आंसू जरूर थे, लेकिन उनके चेहरे पर बेटे के बलिदान का गर्व साफ झलक रहा था। उन्होंने कहा, बुढ़ापे में मेरी तीसरी लाठी भी टूट गई। तसल्ली है कि वह लाठी भारत माता के काम आई। मेरा बेटा देश के लिए शहीद हुआ, इससे बड़ा गर्व और क्या हो सकता है।

सिकंदर परिवार में दो भाइयों में सबसे छोटे

सिकंदर परिवार में दो भाइयों में सबसे छोटे थे और उनके पीछे दो छोटे-छोटे बेटे हैं। गांव के हर कोने में आज बस एक ही चर्चा है सिकंदर की बहादुरी और देशभक्ति की। लोग कह रहे हैं कि उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा और वह आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरणा देते रहेंगे। परिवार के सदस्य सिकंदर का पार्थिव शरीर लेने के लिए रवाना हो चुके हैं। जैसे ही उनका शव गांव पहुंचेगा, पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

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रांची में थी सिकंदर की पहली पोस्टिंग

सिकंदर की पहली पोस्टिंग रांची (झारखंड) में थी, लेकिन हालिया सीमा पर बढ़ते तनाव के चलते उन्हें जम्मू-कश्मीर के अग्रिम मोर्चे पर तैनात किया गया था। वहीं, उन्होंने वीरगति को प्राप्त किया। गांव वालों ने बताया कि सिकंदर बचपन से ही बेहद साहसी और राष्ट्रभक्त थे। उनका सपना था कि वे सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करें। उन्होंने न सिर्फ अपना सपना साकार किया, बल्कि अपने बलिदान से पूरे गांव और नालंदा जिले का नाम भी रोशन कर दिया।

रामबाबू सिंह और मोहम्मद इम्तियाज भी हुए शहीद

इससे पहले पाकिस्तान की ओर से की गई गोलीबारी में BSF के सब इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज शहीद हो गए थे। शहादत की खबर मिलते ही उनके पैतृक गांव छपरा जिले के नारायणपुर में शोक की लहर दौड़ गई थी। उनके बाद एक और शहीद जवान रामबाबू सिंह सीवान के बड़हरिया प्रखंड के वसिलपुर गांव के रहने वाले थे। पाक की ओर से की गई गोलीबारी में वे बीते सोमवार को शहीद हो गए थे। बिहार सरकार शहीद जवान रामबाबू सिंह और मोहम्मद इम्तियाज के परिजनों को 50-50 लाख रुपये देगी।

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First published on: May 14, 2025 06:54 PM

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