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बिहार में बंद पड़ी औद्योगिक इकाइयों की जमीन पर विकसित होंगे नए उद्योग, नीतीश सरकार ने लॉन्च की ये नई नीति

Bihar New Exit Policy: बिहार सरकार ने उद्योगों के विकास के लिए प्रदेश में नई एग्जिट पॉलिसी लागू करने का ऐलान किया है। बंद पड़ी औद्योगिक इकाइयों की जमीन को अब मालिक वापस पा सकेंगे। इसके बारे में जानते हैं।

Author Edited By : Parmod chaudhary Updated: Feb 26, 2025 22:46
nitish kumar

Bihar News: बिहार में उद्योगों के प्रोत्साहन के लिए पहली बार सरकार एग्जिट नीति लेकर आई है। इस नीति के तहत बंद पड़ी औद्योगिक इकाइयों के लिए आवंटित जमीन बियाडा को सुपुर्द कर हासिल की जा सकती है। उद्यमी बंद पड़ी औद्योगिक इकाइयों की जमीन वापस बियाडा को सुपुर्द कर पहले से जमा अपनी लीज राशि पर वापस ले सकते हैं। 11 फरवरी को हुई बियाडा (बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण) निदेशक परिषद की 93वीं बैठक में इससे संबंधित निर्णय लिया गया और एग्जिट नीति–2025 को लागू करने को लेकर स्वीकृति प्रदान की गई। इस नई नीति का मुख्य उद्देश्य औद्योगिक क्षेत्रों में बंद पड़ी इकाइयों की भूमि का उपयोग करना है। उद्यमी बियाडा की तरफ से आवंटित भूमि को वापस कर सकते हैं। इस जमीन का आवंटन नई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए किया जाएगा। इस नीति के तहत आवेदन की अंतिम तारीख 31 दिसंबर 2025 है।

नीति के तहत पात्र इकाई

  • ऐसी सभी इकाइयां, जिनका वर्तमान में आवंटन वैध है
  • ऐसी इकाइयां, जिन्होंने आवंटन रद्दीकरण के विरुद्ध अपीलीय प्राधिकरण, उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में अपील दायर कर रखी है। ये लोग अपनी वाद याचिका वापस लेकर नियमानुसार इस नीति का लाभ उठा सकते हैं
  • ऐसी सभी इकाइयां, जिनका आवंटन रद्द हो चुका है, लेकिन दखल कब्जा बियाडा ने अभी तक नहीं लिया है।
  • इन पर लागू नहीं होगी यह नीति
  • जिनके आवंटन या लीज की अवधि समाप्त हो चुकी है।
  • यदि तृतीय पक्ष को भूमि आवंटित हो चुकी है।

ऐसे होगा नीति का कार्यान्वयन

जिस उद्यमी की तरफ से भूमि वापस की जा रही है, उसे उस भूखंड की वर्तमान बियाडा दर (भू वापसी के आवेदन की तिथि को) के आधार पर उनके स्तर से उपयोग की गई लीज या आवंटन अवधि की आनुपातिक कटौती कर शेष राशि वापस की जाएगी। 1 से 3 वर्ष की अवधि तक अकार्यरत उद्योगों की जमीन (नव आवंटित इकाई के अतिरिक्त) के मामले में 10 फीसदी राशि मिलेगी। 3 वर्ष से अधिक एवं 5 वर्ष से कम की अवधि तक अकार्यरत उद्योगों की जमीन की स्थिति में 15 फीसदी राशि मिलेगी।

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5 वर्ष से अधिक की अवधि तक अकार्यरत उद्योगों की जमीन की स्थिति में 20 फीसदी राशि मिलेगी। सभी राशि पर 18 फीसदी जीएसटी देय होगा। इसके अतिरिक्त किसी भी बिजली संस्थान, बैंक या वित्तीय संस्थान, सरकार के किसी अन्य विभाग या बियाडा का बकाया होने की स्थिति में उसकी कटौती करने के बाद ही शेष राशि का भुगतान उद्यमी को किया जाएगा।

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इकाइयों को देने होंगे ये दस्तावेज

  • इकाई के निबंधित लीज डीड एवं आवंटन पत्र की मूल प्रति
  • वित्तीय संस्थान या बैंक का अनापत्ति या बकाया रहित प्रमाण पत्र। अगर कोई ऋण नहीं लिया है, तो इसका शपथ पत्र
  • बिजली कंपनी से बकाया रहित प्रमाण पत्र या अपडेट विद्युत बिल
  • यह प्रमाण पत्र भी देना होगा कि इस इकाई पर कोई वित्तीय संस्थान, बैंक, बिजली कंपनी या कोई सरकारी विभाग का कोई बकाया नहीं है

3 महीने का मिलेगा टाइम

इस नीति के तहत आवेदन स्वीकृत होने के बाद स्वीकृति की तिथि से संबंधित औद्योगिक इकाई को तीन महीने का टाइम दिया जाएगा। इस दौरान वे अपनी संरचना या संयंत्र को हटा लें। इसके बाद भूमि का स्वामित्व बियाडा को सौंपना होगा। अगर इकाई अपने संयंत्र को निर्धारित अवधि में नहीं हटाती है, तो इसकी नीलामी सरकार करवा देगी और इसमें होने वाले खर्च की राशि की कटौती भी संबंधित इकाई से की जाएगी। किसी भी आवेदन पर विचार करने के लिए प्रबंध निदेशक की अध्यक्षता में एक कमेटी बनी हुई है, जिसका निर्णय ही अंतिम माना जाएगा।

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Edited By

Parmod chaudhary

First published on: Feb 26, 2025 10:43 PM

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