बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. सभी पार्टियां मैदान में हैं और आरोप प्रत्यारोप का दौर भी जारी है. चुनावी रैलियां भी शुरू हो चुकी हैं. वहीं, इस चुनाव में एक चीज ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है और वो है भाजपा द्वारा बिहार चुनाव के दौरान छह जिलों में अपना एक भी प्रत्याशी नहीं उतारना.
दरअसल, मिली जानकारी के अनुसार, इस साल हो रहे बिहार विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 6 जिलों में अपना एक भी प्रत्याशी नहीं उतारा है. इन 6 जिलों की बात करें तो, इनमें 3 जिलों में पहले चरण में और बाकी 3 जिलों में दूसरे चरण में चुनाव होने हैं. हालांकि 5 जिले ऐसे भी हैं जहां की एक-एक सीट पर ही NDA की ओर से भाजपा के प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं.
बता दें कि भाजपा इस बार 32 जिलों की कुल 101 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है. जिसे लेकर जोरों शोरों के साथ चुनावी प्रचार भी शुरू हो चुका है.
किन जिलों में नहीं उतरे भाजपा के प्रत्याशी?
जानकारी के अनुसार, भाजपा ने मधेपुरा, खगड़िया, शेखपुरा, शिवहर, जहानाबाद और रोहतास में अपना एक भी प्रत्याशी चुनावी मैदान में नहीं उतारा है.
इसके अलावा कुछ जिले ऐसे भी हैं जहां की सिर्फ एक-एक सीट पर ही भाजपा चुनाव लड़ रही है. उनमें सहरसा, लखीसराय, नालंदा, बक्सर, जमुई और नालंदा शामिल हैं.
भाजपा ने सबसे ज्यादा उम्मीदवार कहां उतारे?
जानकारी के अनुसार, इस बार हो रहे बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सबसे ज्यादा 8 उम्मीदवार पश्चिम चंपारण जिले में उतारे हैं. जिसमें पिपरा, कल्याणपुर, मोतिहारी, हरसिद्धि, मधुबन, रक्सौल, ढाका औक चिरैया शामिल हैं. इन जिलों में कुल 12 सीटों में 8 पर भाजपा लड़ रही है.
भाजपा के लिए पूर्वी चंपारण क्यों है खास?
वहीं, पूर्वी चंपारण की 9 में से 7 सीटों पर भाजपा के उम्मीदवार हैं. अगर सीट की संख्या के लिहाज से देखें तो भाजपा के लिए चंपारण का क्षेत्र काफी महत्वपूर्ण है. वहीं, दूसरी ओर पटना जिले की 14 में से 7 सीटों पर भाजपा के प्रत्याशी मैदान में हैं. जिसमें दरभंगा की 6 सीटें, भोजपुर की 5 सीटें, मुजफ्फरपुर की 5 सीटें और मधुबनी की 5 सीटें भाजपा के खाते में आई हैं.
गौरतलब है कि इस साल हो रहे चुनाव में बिहार में कुल 243 सीटों पर वोटिंग होगी. जिसमें जदयू-भाजपा 101-101 सीटों पर तो वहीं, लोजपा आर 29 सीटों पर, हम और रालोम के 6-6 उम्मीदवार मैदान में उतरे हैं.
