सौरभ कुमार, पटना
Bihar CM Nitish Kumar Statement Over INDIA Alliance: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज CPI के मंच से कांग्रेस को खूब कोसा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कांग्रेस को विपक्षी एकता यानि इंडिया गठबंधन से कोई मतलब नहीं रह गया है। कांग्रेस की वजह से गठबंधन को लेकर कोई काम नहीं हो रहा है। कांग्रेस देश के 5 राज्यों में होने वाले चुनाव में व्यस्त है। नीतीश कुमार पटना के मिलर हाई स्कूल मैदान में आयोजित भाजपा हटाओ देश बचाओ रैली में शामिल होने पहुंचे थे। अब समझने की जरूरत है कि आखिरकार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कांग्रेस के प्रति नाराजगी क्यों दूसरी बार सामने आई है। इससे पहले भी मोतिहारी के मंच से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रपति के सामने केंद्रीय विश्वविद्यालय की मांग को लेकर कांग्रेस पर सवाल खड़ा किया था और आज दूसरी बार तो उन्होंने सारी हदें ही पार कर दीं…अब समझिए नीतीश कुमार को कांग्रेस से नाराजगी क्यों है?
यह भी पढ़ें: संसद एथिक्स कमेटी के दफ्तर में हंगामा, महुआ मोइत्रा समेत विपक्षी सांसदों ने किया वॉकआउट
नीतीश को मिलना था संयोजक का पद, नहीं मिला
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कोशिशों का ही नतीजा है कि आज सभी विपक्षी पार्टियां एक मंच पर दिखाई दे रही हैं। नीतीश कुमार को भी इंडिया गठबंधन से काफी उम्मीदें थीं। उन्हें और उनकी पार्टी को लगता था कि नीतीश कुमार को गठबंधन के अंदर कोई बड़ा पद जैसे कि गठबंधन का संयोजक पद मिलेगा, जो आज तक नही मिला। पहली बैठक जो पटना में हुई थी, उसी बैठक में राजद सुप्रीमो लालू यादव ने राहुल गांधी को गठबंधन का दूल्हा घोषित कर दिया था। उसके बाद नीतीश कुमार का PM उम्मीदवार बनने का सपना हमेशा के लिए खत्म हो गया। दिल्ली में लालू यादव और राहुल गांधी की मुलाकात के बाद संयोजक बनने का भी सपना टूट गया, क्योंकि फैसला यह हुआ कि गठबंधन के अंदर 4 या 5 संयोजक बनाए जाएंगे।
यह भी पढ़ें: राजस्थान चुनाव के लिए BJP ने जारी की तीसरी लिस्ट, वसुंधरा राजे के कट्टर समर्थक का टिकट कटा
नीतीश 17 सीटों पर लड़ना चाहते लोकसभा चुनाव
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार चाहते थे कि कांग्रेस की तरफ से उन्हें सीट का ऑफर मिलेगा, लेकिन यह भी नही हुआ। उसके बाद मजबूरी में जदयू को 10 उम्मीदवारों की घोषणा करनी पड़ी। महागठबंधन के अंदर नीतीश कुमार चाहते हैं कि 2024 लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी कम से कम 17 सीटों पर चुनाव लड़े, क्योंकि मौजूदा समय मे जदयू के 16 सांसद हैं, लेकिन लालू ने स्पष्ट कर दिया है कि राजद और जदयू की सीटों की संख्या बराबर होगी। कांग्रेस भी 9 सीटों को लेकर लगातार अपनी दावेदारी पेश कर रही है, जबकि नीतीश कुमार कांग्रेस को 5 सीट से ज्यादा नही देना चाहते हैं।
यह भी पढ़ें: असम सरकार का बड़ा फैसला, भूटान के छात्रों के लिए मेडिकल कॉलेजों में सीटें की आरक्षित
नीतीश ने कांग्रेस की मांग को भी लटका रखा
नीतीश कुमार ने जानबूझकर कांग्रेस की 2 मंत्री पद की मांग को भी लटका कर रखा है, जबकि पहली बैठक के बाद खुद राहुल गांधी ने तुरंत कांग्रेस के लिए मंत्री पद की मांग की थी। मुंबई बैठक के बाद कांग्रेस का कोई भी बड़ा नेता ने आज तक नीतीश कुमार से कोई भी बात न सीट शेयरिंग को लेकर की है, न ही अपनी बैठक को लेकर। नीतीश कुमार यह भी चाहते थे कि 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस नीतीश कुमार को प्रचार के लिए बुलाएगी, लेकिन ऐसा भी नही हुआ।