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सरकारी अस्पताल की करतूत, मरीज को चढ़ा दिया एक्सपायरी डेट वाला ग्लूकोज, भाजपा ने तेजस्वी पर निकाली भड़ास

Negligence of Aurangabad Sadar Hospital: बिहार का औरंगाबाद सदर अस्पताल किसी न किसी वजह से सुर्खियों में बना रहता है। यह अस्पताल एक बार फिर से चर्चा में है, जहां पर एक मरीज को एक्सपायरी ग्लूकोज की बोतल चढ़ा दी गई।

Edited By : Pratyaksh Mishra | Updated: Oct 28, 2023 16:45
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Negligence of Aurangabad Sadar Hospital(गणेश प्रसाद): औरंगाबाद का मॉडल सरकारी अस्पताल एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है, जहां अस्पताल की लापरवाही उजागर हुई है।अस्पताल में मेल वार्ड में भर्ती मरीज 75 वर्षीय शिव किंकर प्रसाद सिंह को एक्सपायरी ग्लूकोज की बोतल चढ़ा दी गई, जिससे मरीज की मौत हो गई।

अस्पताल की लापरवाही आई सामने

मृतक देव थाना के देव का निवासी था। सदर अस्पताल में लापरवाही का ये कोई पहला मामला नहीं है। अक्सर ऐसी लापरवाही अस्पताल से सामने आती रही हैं फिर चाहे मामला नवजात शिशु की मौत का हो, एम्बुलेंस नहीं मिलने का या फिर फर्श पर मरीज का इलाज। इस बार तो हद ही हो गई, जहां पर मेल वार्ड में भर्ती मरीज को एक्सपायरी ग्लूकोज सितंबर 2023 की बोतल ही चढ़ा दी गई। परिजनों ने वार्ड में ड्यूटी नर्सो पर लापरवाही का आरोप लगाया हैं।

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दरअसल, मरीज शिवकिंकर प्रसाद सिंह को लूज मोशन की शिकायत थी, जिसे परिजनों ने इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां पर इलाज करवाने आए मरीज को ग्लूकोज की एक्सपायरी डेट वाली बोलत चढ़ा दी गयी, जिसमें लगभग 70 प्रतिशत ग्लूकोज था, जब मरीज के परिजनों ने देखा कि बोतल से ग्लूकोज रुक-रुक कर जा रहा है तभी उनकी नजर बोतल की एक्सपायरी डेट पर पड़ी, जो सितंबर 2023 में एक्सपायर हो चुका था। वहीं परिजन, अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्यवाही की मांग कर रहे हैं।

कार्रवाई का आश्वासन

अस्पताल प्रबंधक हेमंत राजन ने बताया कि मरीज गैस पी में आया था और नर्स के द्वारा बिना देखे एक्सपायरी डेट वाली बोतल चढ़ा दी गई, जिसकी जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि बोतल की एक्सपायरी तिथि 30 सितंबर 2023 थी, जिसे आज मर्रिज के इलाज के लिए चढ़ाया गया था। हालांकि चिकित्सक के अनुसार इस ग्लूकोज से मरीज के स्वास्थ्य पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ा होगा, लेकिन लापरवाही बढ़ गई है इसलिए मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

भाजपा ने बिहार सरकार का किया घेराव

इस मामले को लेकर विपक्ष भी हमलावर हो गया है और भाजपा के प्रदेश कार्य समिति सदस्य अनिल कुमार सिंह ने कहा कि अंधेर नगरी चौपट राजा का एक और उदाहरण है। जब राजद का पहला 15 साल का शासन काल था, उस समय अस्पताल में कुत्ते सोते थे। यह सुनी हुई बात नहीं, आंखों से देखा बोल रहा हूं। उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद सरकारी अस्पताल में लोग जाना छोड़ देंगे। अनिल कुमार ने कहा, बिहार में जो रात में क्लीनिक बंद होने की पद्धति थी वह अब तक शुरू नहीं हो सकी है।

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…इस्तीफा दे देना चाहिए

उनका कहना है कि रात में कोई क्लिनिक नहीं खुला रहता है। बिहार सरकार पर आरोप लगाते हुए भाजपा नेता ने कहा, बिहार के लोगों को राजद के शासन काल में एकदम सीरिया और पूर्व के अफगानिस्तान से हालात महसूस हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए पर वह निर्लज हैं, कभी इस्तीफा नहीं देंगे, बिहारवासी बेवसी की मौत मरने को मजबूर है इसका यह ज्वलंत उदाहरण है।

सदर अस्पताल ने पल्ला झाड़ा

वहीं इस बारे में जब सिविल सर्जन डॉक्टर रवि भूषण श्रीवास्तव से बात की गई तो उन्होंने अभिज्ञता जाहिर करते हुए कहा कि आपसे ही यह जानकारी मिल रही है, उन्होंने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि ऐसा संभव नहीं है, लेकिन एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में यह बात आप मुझे बता रहे हैं तो मैं इसकी जांच करवा रहा हूं। जो भी इसमें दोषी होंगे, उन पर निश्चित ही उचित कार्रवाई की जाएगी।

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Edited By

Pratyaksh Mishra

First published on: Oct 28, 2023 04:45 PM

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