Prashant Kishor on Liquor Ban: बिहार में शराब बंदी नीतीश कुमार की एक महत्वाकांक्षी योजना है। तमाम शिकायतों और खामियों के बावजूद नीतीश कुमार ने इस योजना पर समझौता नहीं किया। हालांकि उनके ही गठबंधन के सहयोगी जीतनराम मांझी जैसे लोग शराबबंदी पर उठाते हुए हर रोज रात में शराब पीने की बात करते हैं, जाहिर है कि बिहार में शराबबंदी एक बड़ा मुद्दा है। लेकिन बिहार की महिलाएं इसके पक्ष में हैं और नीतीश कुमार को इसका सियासी फायदा मिलता रहा है। बिहार में विधानसभा चुनाव नवंबर-दिसंबर 2025 में होंगे, उससे काफी पहले ही नीतीश कुमार के पुराने साथी प्रशांत किशोर ने शराबबंदी को खत्म करने का ऐलान कर दिया है।
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प्रशांत किशोर ने कहा है कि अगर उनकी पार्टी जनसुराज बिहार की सत्ता में आती है, तो वह एक घंटे के भीतर शराबबंदी को खत्म कर देंगे। 2 अक्टूबर को बिहार में अपनी पार्टी जनसुराज की स्थापना करने जा रहे प्रशांत किशोर से जब उनके स्पेशल प्लान के बारे में पूछा गया तो चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने कहा कि किसी विशेष प्लान की जरूरत नहीं है। बीते दो साल से हम तैयारी कर रहे हैं और अगर जनसुराज सत्ता में आती है तो हम एक घंटे के भीतर शराबबंदी को खत्म कर देंगे।
जनसुराज के मुखिया ने कहा कि वह शराबबंदी के खिलाफ बोलते रहेंगे और उन्हें इस बात की चिंता नहीं है कि उन्हें महिला वोटरों की नाराजगी का सामना करना पड़ेगा। प्रशांत किशोर ने कहा कि शराबबंदी बिहार के हित में नहीं है।
बता दें कि बिहार में 2016 से शराबबंदी है और नीतीश कुमार के इस फैसले के खिलाफ प्रशांत किशोर लगातार बोलते रहे हैं। शराबबंदी की आलोचना में विपक्षी पार्टियां जहरीली शराब से हुई मौतों को गिनाती हैं और नीतीश कुमार पर लगातार हमला बोलती हैं। बिहार में शराब के खिलाफ महिलाओं के निरंतर विरोध को देखते हुए 2016 में नीतीश कुमार ने बैन लगाया था।