जीवेश तरुण
बिहार के बेगूसराय में वायरल शादी में लड़का और लड़की 3 साल पहले से प्रेम प्रसंग में थे, लेकिन परिवार ने जाति विभेद के कारण लड़की की शादी कहीं और करवा दी थी। इस बीच दोनों के प्यार में कोई कमी नहीं आई और दोनों छुप-छुप कर एक दूसरे से मिलते रहे। बीती रात लोगों ने दोनों को मेले में एक साथ घूमते हुए देख लिया और फिर ससुराल पक्ष और मायके पक्ष के सामने दोनों की शादी करवा दी। अब एक तरफ जहां यह शादी आम लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है, वहीं सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोग तरह-तरह के कमेंट भी कर रहे हैं।
बेगूसराय: महिला नहीं भुला सकी पहला प्यार, पति को छोड़ प्रेमी संग रचाई शादी @news24tvchannel #biharnews #Begusarai pic.twitter.com/aiVso7GnDQ
— Deepti Sharma (@DeeptiShar24006) April 11, 2025
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क्या है पूरा मामला
दरअसल, एक फूल दो माली की तर्ज पर यह कहानी बेगूसराय जिले के लाखों थाना क्षेत्र के पतला टोल लखनपुर से शुरू होती है। जहां अर्पणा कुमारी 3 साल पहले अमित कुमार पासवान नामक युवक से प्यार करती थी। महिला साह समाज से थी। वहीं युवक भी उसी समाज से था और अंतर्जातीय होने के कारण परिजनों ने दोनों के प्यार को सफल नहीं होने दिया। इस बीच दोनों एक दूसरे से छुप-छुप कर मिलते और बात करते रहे। इस दौरान अर्पणा कुमारी को एक बेटा भी हुआ। इसके बाद महिला का पति प्रदेश में मजदूरी करने चला गया। वहीं, महिला का प्रेमी भी बेगूसराय के एक होटल में मजदूरी का काम करता था और छुपकर दोनों मिलते रहे। बीती रात मेला देखने के दौरान दोनों ने एक दूसरे से मोबाइल पर संपर्क किया और मेले में मिलने की बात पक्की हो गई। वहां पर लोगों ने दोनों को छुपकर मिलते देख लिया और फिर दोनों को अलग-अलग कमरे में बंद कर दिया। दोनों के परिजनों को इसकी सूचना दी गई।
मुखिया ने करवाई दोनों की शादी
वहीं दोनों के परिजन सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचे, लेकिन स्थानीय लोगों द्वारा प्रेमी प्रेमिका के साथ मारपीट भी की गई। इस दौरान दोनों प्रेमी प्रेमिका ने एक दूसरे को बचाने का भी प्रयास किया। बाद में दोनों के परिजनों ने जब अलग-अलग प्रेमी प्रेमिका से पूछताछ की तो दोनों ने एक दूसरे के साथ जीने-मरने की बात कही। तब लड़की की सास की सहमति से और लड़के के मां-बाप की सहमति से स्थानीय मुखिया के दरवाजे पर ही दोनों की शादी करवा दी गई। एक तरफ जहां इस शादी के सैकड़ों लोग गवाह बने, वहीं दोनों के लिए शादी का मंडप मुखिया का दरवाजा बना।
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