Bihar: रविवार, 24 सितंबर को बिहार के मुजफ्फरपुर में जहरीली शराब ने लोगों की जानें ले ली। वहीं, तीन अन्य लोगों की आंखों की रोशनी चली गई। मृतकों की पहचान उमेश शाह और धर्मेंद्र राम के रूप में की गई है। इस घटना के बाद पीड़ित परिवार के घर मातम पसर गया है और परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है।
पुलिस ने दो लोगों को किया गिरफ्तार
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, पुलिस ने कहा है कि जहरीली शराब से हुई मौतों के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। एएनआई से बात करते हुए, मुजफ्फरपुर के एसपी अभिषेक दीक्षित ने कहा, “हमें सूचना मिली कि अचानक तबीयत खराब होने से दो लोगों की मौत हो गई। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि ये मौतें उन्होंने देशी शराब का सेवन किया था। हमने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है।”
मोतिहारी में 27 लोगों की गई थी जान
इस साल की शुरुआत में अप्रैल में बिहार के मोतिहारी में जहरीली शराब ने 27 लोगों की जान ले ली थी। मोतिहारी के एसपी कांतेश कुमार मिश्रा ने संदिग्ध जहरीली शराब से हुई मौतों के मद्देनजर पांच स्टेशन हाउस अधिकारियों (एसएचओ), 2 शराब विरोधी टास्क फोर्स (ALTF) कर्मियों और 9 पुलिस चौकीदारों को निलंबित कर दिया था। मौतों पर बोलते हुए, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की थी।
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नीतीश कुमार की सरकार ने साल 2016 में बिहार निषेध और उत्पाद शुल्क अधिनियम के तहत राज्य भर में शराब पर प्रतिबंध लगा दिया था। तब से बिहार में शराब पर प्रतिबंध है। हालांकि, मोतिहारी और मुजफ्फरपुर जैसी घटनाएं सरकार की कथित शराबबंदी योजना की पोल खोलती रहती है।