नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को आनंद विहार और अप्सरा बॉर्डर के बीच छह लेन के फ्लाईओवर का शिलान्यास किया। इस फ्लाईओवर के बन जाने के बाद हजारों लोगों को जाम से मुक्ति मिलेगी। केजरीवाल ने कहा कि पूर्वी दिल्ली में फ़्लाईओवर के बन जाने से यहां से गुज़रने वाले वाहनों और पूर्वी दिल्ली के स्थानीय लोगों को काफ़ी फ़ायदा होगा।
केजरीवाल ने कहा कि इस फ्लाईओवर का काम भी हम तय समय से पहले और 115 करोड़ रूपए की बचत के साथ पूरा करेंगे। हमने 300 करोड़ रुपए का फ्लाईओवर 1500-2000 करोड़ में बनते तो देखा है, लेकिन 300 करोड़ का फ्लाईओवर 250 करोड़ में बनते पहली बार देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले पूर्वी दिल्ली को विकास से वंचित रखा गया था, लेकिन हमारी सरकार बनने के बाद से यह सौतेला व्यवहार अब बंद हो गया है।
बता दें कि यह फ्लाईओवर रामप्रस्थ, श्रेष्ठ विहार और विवेक विहार रेड लाइट के उपर से होकर गुजरेगा और 15 महीने में पूरा हो जाएगा। केजरीवाल ने कहा कि हमारा मकसद है कि दिल्ली की सड़कों से ट्रैफिक जाम व प्रदूषण खत्म किया जाए और खूबसूरत बनाया जाए। सड़कों को जाम मुक्त बनाने के लिए 77 प्वाइंट चिंहित किए गए हैं, जहां सुबह-शाम जाम लगता है, जिसे खत्म करने के लिए अलग-अलग प्लान बना रहे हैं।
जाम की समस्या स्थायी रूप से होगी दूर: PWD
पीडब्ल्यूडी विभाग ने बताया कि करीब डेढ़ किलोमीटर लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर बनाया जाएगा। आनंद विहार और अप्सरा बॉर्डर के बीच में इंटरसेप्शन होगा, जिसे यह कवर करेगा। इसके बीच में रामप्रस्थ कॉलोनी, श्रेष्ठ विहार और विवेक विहार जाने वाले लोगों के लिए अप और डाउन रैंप भी दिया जाएगा। इससे यूपी बॉर्डर लगा हुआ है, इसलिए इसके बनने से दिल्ली की कॉलोनियों के साथ ही दिल्ली से सटी यूपी की कॉलोनियों में रहने वाले लोगों के लिए भी फायदेमंद और उपयोगी साबित होगा। इसके बनने से जाम की समस्या स्थाई रूप से दूर हो जाएगी।
पहले पूर्वी दिल्ली को विकास से वंचित रखा गया था: केजरीवाल
केजरीवाल ने कहा कि जब से आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है, पिछले सात साल में पूर्वी दिल्ली में भी उतने ही काम हुए हैं, जितना बाकी दिल्ली में हुए हैं। मैं पहले कौशांबी में रहता था और रोज इन्हीं सड़कों से गुजराना होता था। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी वसुंधरा में रहते थे। तब हम देखते थे कि यहां पर कितना ट्रैफिक जाम लगता था। मैंने कभी सोचा नहीं था कि यहां पर फ्लाईओवर बनने और ट्रैफिक जाम खत्म करने में किसी दिन हमारी भी भूमिका होगी।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारी सरकार हर काम में पैसे बचाती है और इन्ही पैसों से पानी बिजली फ्री देते हैं। स्कूल और अस्पताल बनाते हैं। उन्होंने कहा कि रानी झांसी फ्लाईओवर 200-300 करोड़ रुपए का बनना था, लेकिन 1500 करोड़ रुपए में बन पाया। अपने देश में यह अजूबा हो रहा है। हमारे पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर बहुत अच्छे और शानदार हैं। ये 15 महीने का समय लेते हैं, तो उसे 14 महीने में ही पूरा कर लेते हैं। हम इस फ्लाईओवर का काम कम समय में पूरा करेंगे और अच्छा फ्लाईओवर बनाएंगे।
केजरीवाल बोले- कई पायलट प्रोजेक्ट चल रहे हैं
केजरीवाल ने कहा कि हमारा मकसद है कि दिल्ली के अंदर सड़कों पर ट्रैफिक जाम खत्म किया जाए। दिल्ली की सड़कों को खूबसूरत बनाया जाए और सड़कों से प्रदूषण खत्म किया जाए। दिल्ली की सड़कों को सुंदर बनाने के लिए कई सारे पायलट प्रोजेक्ट चल रहे हैं। आने वाले महीने-दो महीने में उसका परिणाम आएगा और जो भी अच्छा मॉडल दिखेगा, उसी के हिसाब से पूरी दिल्ली की सड़कों को सुंदर बनाया जाएगा।
केजरीवाल ने दिल्लीवासियों से की ये अपील
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में पहले बिजली की सबको सब्सिडी मिलती थी। लेकिन कई लोग हैं, जो बिजली का बिल देना चाहते हैं। उनका कहना है कि जबरदस्ती हमें सब्सिडी क्यों देते हैं? उनकी बात भी ठीक है कि किसी को जबरदस्ती सब्सिडी क्यों दें। जो सब्सिडी मांगे, उसे ही मिलनी चाहिए। इसलिए हमने मांगने वालों को सब्सिडी देना शुरू किया है।
उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को गलतफहमी है कि 30 सितंबर तक ही सब्सिडी की मांग करने का समय था। ऐसा नहीं है। आप 31 अक्टूबर तक मोबाइल नंबर 7011311111 पर मिस्ड कॉल कर दीजिए। इसके बाद आपको एक मैसेज आएगा। इस मैसेज में एक फार्म होगा। उस फार्म को भर कर ऑनलाइन भेज दीजिए। इसके बाद आपका पंजीकरण हो जाएगा और आपको फ्री बिजली मिलती रहेगी। आप 31 अक्टूबर के बाद भी फार्म भर सकते हैं। अगर आप 31 अक्टूबर के बाद फार्म भरते हैं, तो आपके पास अक्टूबर महीने का बिल आएगा और वो बिल माफ नहीं हो पाएगा। इसलिए सभी से अपील है कि जिनको फ्री बिजली का लाभ चाहिए वो लोग 31 अक्टूबर तक फार्म भर दें।
असंभव को संभव करना, उसका नाम केजरीवाल है: सिसोदिया
इस मौके पर मौजूद उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि परंपरागत रूप से भारत सरकार ने अपने काम के लिए जो रेट तय कर रखे हैं, उससे बहुत कम पैसे में यह फ्लाईओवर केजरीवाल जी की ईमानदार सरकार बनाकर दे रही है। आज पूरा देश में सीएम अरविंद केजरीवाल जी के बारे में कहा जाता है कि इनकी डिक्शनरी में सरकार में असंभव का शब्द नहीं है। परंपरागत रूप से जिन चीजों को असंभव कहा जाता है, उसको मुख्यमंत्री जी कहते हैं कि संभव है और करके दिखा देते हैं।
सिसोदिया ने कहा कि आज दिल्ली में बहुत से ऐसे काम हैं, जिनको दूसरी पार्टियों की सरकारें या केंद्र में बैठी सरकार कहती हैं कि यह तो हो नहीं सकता, उसे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कहते हैं कि करके भी दिखा दिया। असंभव को न सिर्फ संभव कहना, बल्कि करके भी दिखा देना, उसका नाम अरविंद केजरीवाल है।
बिना रेड लाइट कर सकेंगे सफर: राम निवास गोयल
विधायक राम निवास गोयल ने कहा कि यूपी से सैकड़ों बच्चे दिल्ली में पढ़ने आते हैं। रोड पार करने के दौरान यहां कई बार हादसे हुए हैं। इसी को देखते हुए मुझे इस फ्लाईओवर के निर्माण को लेकर आने आना पड़ा। कोरोना की वजह से इसकी शुरूआत होने में देर हुई। करीब 1440 मीटर लंबा छह लेन का यह फ्लाईओवर बनेगा और इसके बनने के बाद तीन रेड लाइट फ्री होंगी।
विधायक ने कहा कि जब यहां कॉमनबेल्थ गेम्स आयोजित किए गए, तो श्रेष्ठ विहार जाने वाली सड़क की रेड लाइट बंद कर दी गई थी। उस समय कांग्रेस की सरकार थी। किसी ने इस फ्लाईओवर को बनाने की सुध नहीं ली। उस वक्त यह फ्लाई ओवर बन जाना चाहिए। इस फ्लाईओवर के बन जाने के बाद दिल्ली और यूपी के बीच में कोई रेड लाइट नहीं होगी और वाहन चालक दिल्ली के सीमापुरी से आनंद विहार तक बिना रेड लाइट का सफर कर सकेंगे। इससे जाम से राहत मिलेगी और प्रदूषण भी कम होगा।
बता दें कि फ्लाईओवर के निर्माण के बाद रामप्रस्थ कॉलोनी, विवेक विहार और श्रेष्ठ विहार रेड लाइट पर लगने वाले ट्रैफिक जाम की समस्या से लोगों को मुक्ति मिल जाएगी। एनसीआरटीसी द्वारा रैपिड मेट्रो का स्टेशन बनाने के बाद इस फ्लाई ओवर से होकर प्रतिदिन औसतन 1.48 लाख वाहन गुजरेंगे। जिन्हें आवागमन में काफी सहूलियत हो जाएगी। यह प्रोजेक्ट स्कीम 77 कॉरिडोर में से एक है। इस फ्लाईओवर के निर्माण के दौरान रैंप, फूटपॉथ, साइनेज, स्ट्रीट लाइट, ड्रेनेज, हॉर्टिकल्चर समेत अन्य कार्य भी किए जाएंगे।
ढाई साल में रिकवर हो जाएगी फ्लाईओवर की लागत
इस फ्लाईओवर के निर्माण में आने वाली लागत करीब ढाई साल में रिकवर हो जाएगी। अनुमान है कि इस फ्लाईओवर पर प्रतिदिन करीब 1.48 लाख वाहन गुजरेंगे। एक बार सफर करने पर वाहन चालकों का करीब 11.07 मिनट बचेगा। साथ ही, 42700 घंटे प्रतिदिन मैन पावर की बचत होगी। कार्बन डाई ऑक्साइड का उत्सर्जन 1.50 लाख टन कम होगा। सालाना 16.57 लाख लीटर ईंधन की बचत होगी और प्रति वर्ष 144.78 करोड़ रुपए की बचत होगी।
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