Adani Row: हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों पर सवाल उठ रहे हैं। वहीं विपक्ष भी लगातार केंद्र की मोदी सरकार को घेर रहा है। इसी कड़ी में शुक्रवार को राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मोदी सरकार पर हमला किया। सचिन पायलट कर्नाटक के दौरे पर हैं।
सचिन पायलट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया। उन्होंने पूछा कि जेपीसी यानी जॉइंट पार्लिमेंट्री कमेटी से आज की सरकार कतरा क्यों रही है। अगर आपके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है तो जांच हो जाने दीजिए। उन्होंने कहा कि भाजपा ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट द्वारा लगाए गए किसी भी आरोप का खंडन नहीं किया जा रहा है।
संसद में जब हमारे अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अडानी स्टॉक क्रैश जैसे गंभीर मुद्दे को उठाया तो उन्होंने उसे एक्सपंज कर दिया। संसद की एक मर्यादा होती है कि क्या एक्सपंज हो सकता है और क्या नहीं: कांग्रेस MLA सचिन पायलट, बेंगलुरु pic.twitter.com/s3ZXu2jZrN
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 17, 2023
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आपके पास बहुमत तो क्या कुछ भी करेंगे
सचिन पायलट ने कहा कि भाजपा के पास बहुमत है इसका मतलब ये नहीं कि वे प्रश्नों को एक्सपंज कर देंगे। प्रधानमंत्री ने भी शेयर मार्केट क्रैश, जनता के पैसों का दुरूपयोग, सरकारी संपत्ति को निजी हाथों में देना आदि पर कोई जवाब नहीं दिया।
संसद की होती है एक मर्यादा
उन्होंने कहा कि संसद में जब हमारे अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अडानी स्टॉक क्रैश जैसे गंभीर मुद्दे को उठाया तो उन्होंने उसे एक्सपंज कर दिया। संसद की एक मर्यादा होती है कि क्या एक्सपंज हो सकता है और क्या नहीं।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के नामों को ठुकराया
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को अडानी समूह की कंपनियों की जांच की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी बनाने को लेकर अपना फैसला सुरक्षित रखा है।
CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट अपनी कमेटी नियुक्त करेगा। हम चाहते हैं कि इस मामले में पूरी तरह से पारदर्शिता हो। दरअसल, सरकार की तरफ से कमेटी के सदस्यों के लिए सरकार ने सील्ड कवर में नाम सुझाए गए थे।
सील कवर लिया तो समझेंगे कि यह सरकार की कमेटी है
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम केंद्र सरकार की सील कवर सुझाव को स्वीकार नहीं करेंगे। CJI ने कहा कि अगर हम सील कवर के सुझाव को स्वीकार करेंगे तो लोग यह समझेंगे कि सरकार द्वारा नियुक्त कमेटी है। हम आपके सुझावों को मानते है तो यह दूसरों को भी बताना होगा। कमेटी शेयर बाजार के कामकाज को बेहतर बनाने के लिए उपायों को लेकर सुझाव देगी। इसके बाद कमेटी बनाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया।
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