मुंबई: महाराष्ट्र के किसान इन दिनों बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से परेशान है। राज्य के अलग- अलग जिलों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से तकरीबन 34 हजार हेक्टेयर तैयार फसल नष्ट हो गई है। महाराष्ट्र के 14 जिलों के किसानों पर बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की मार पड़ी है। महाराष्ट्र में बेमौसम बारिश से आम, कोकम, काजू, प्याज, गेहूं, अंगूर और बेर की फसलें प्रभावित हुई हैं। किसान चिंतित नजर आ रहे हैं।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सोमवार को सह्याद्री गेस्ट हाउस में राज्य भर में बेमौसम बारिश के कहर के बाद ‘कृषि संकट’ को लेकर बैठक कर रहे हैं, जिसमें फसल नुकसान के बाद किसानों को मुआवजे के मुद्दे पर भी चर्चा करेंगे।
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि हमने राज्य में बेमौसम बारिश से हुई फसलों के नुकसान का आकलन करने के आदेश दिए हैं। हमें नुकसान की सीमा के बारे में प्रारंभिक जानकारी मिली है। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में शामिल नहीं होंगे क्योंकि वह नागपुर और अमरावती के दौरे पर हैं। प्रभावित जिलों में कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार और कृषि विभाग से संबंधित अधिकारियों ने दौरा शुरू कर दिया है।
मौतें भी हुईं
महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में बेमौसम बारिश से भारी नुकसान और मौतें हुई हैं। महाराष्ट्र के अकोला में, तूफानी हवा और बारिश के कारण, बाबाजी महाराज मंदिर परिसर के एक टिन शेड पर एक पेड़ गिर गया, जिसमें सात लोगों की मौत हो गई और 23 घायल हो गए है। लेकिन ये पहली बार नहीं है पिछले कुछ महीनों में महाराष्ट्र में कई बेमौसम बारिश हो चुकी है। इस बार बेमौसम बारिश के साथ ओलावृष्टि होने से बड़ा नुकसान हुआ है।
महाराष्ट्र के नाशिक जिले में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। सिर्फ़ नाशिक में तकरीबन 8000 हेक्टेयर फसल नष्ट हो गई है। इसके अलावा रत्नागिरी, रायगढ़, सिंधुदुर्ग, नासिक, धुले, जलगांव, पुणे, अहमदनगर, सातारा, बीड, धाराशिव, बुलढाणा, अकोला, नागपुर जिलों के किसान भी प्रभावित हैं। गौरतलब है कि इसी साल मार्च के महीने में बेमौसम बारिश के कारण महाराष्ट्र के कुल 30 जिलों में 1 लाख 7 हज़ार हेक्टेयर फसल नष्ट हो गई थी और अब एक बार फिर बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण महाराष्ट्र के किसान निराश हो गए हैं।
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