कतर मास्टर्स में क्लासिकल चेस फॉर्मेट में एक बार फिर भारतीय खिलाड़ी का जलवा देखने को मिला है। दुनिया के नंबर एक चेस खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन को अक्सर भारतीय खिलाड़ियों से टक्कर मिलती रहती है। बीते कुछ दिनों पहले उनको भारतीय खिलाड़ी रमेशबाबू प्रज्ञानंद से कड़ी टक्कर मिली थी, हालांकि मैग्नस ने इस मैच को जीत लिया था।
लेकिन इस बार मैग्नस को भारतीय खिलाड़ी से न सिर्फ कांटे की टक्कर मिली बल्कि नंबर 1 चेस खिलाड़ी को हार का समना भी करना पड़ा है। जी हां कतर मास्टर्स में खेले जा रहे क्लासिकल चेस टूर्नामेंट में भारत के 24 वर्षीय खिलाड़ी कार्तिकेयन मुरली ने कार्लसन को हराकर इतिहास रच दिया है। अब कार्लसन को हराने वाले कार्तिकेयन मुरली तीसरे भारतीय खिलाड़ी बन गए है।
टूर्नामेंट के सातवें दौर में हुई जीत
कार्तिकेयन की जीत टूर्नामेंट के सातवें दौर में हुई, जहां उन्होंने कुशलता से काले मोहरों का इस्तेमाल किया। इस महत्वपूर्ण जीत के साथ, वह एसएल नारायण, जावोखिर सिंदारोव, डेविड परव्यान, अर्जुन एरिगैसी और नोदिरबेक याकुबोएव जैसे अन्य प्रमुख खिलाड़ियों की श्रेणी में शामिल हो गए। इससे पहले कार्तिकेयन का टूर्नामेंट के छठे दौर में मैच ईरान के परहम माघसूदलू के खिलाफ ड्रॉ हो गया था। वहीं, कार्तिकेयन मुरली अब क्लासिकल गेम में मैग्नस कार्लसन को हराने वाले तीसरे भारतीय शतरंज खिलाड़ी बन गए हैं।
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आखिर कौन है कार्तिकेयन मुरली?
कार्तिकेयन मुरली का जन्म तमिलनाडु के तंजावुर में हुआ था। इनको बचपन से ही चेस खेलने का शौक था, जिसके चलते महज 5 साल की उम्र में ही कार्तिकेयन मुरली चेस खेलना सीख गए थे। कार्तिकेयन मुरली को साल 2015 में FIDE द्वारा ग्रैंडमास्टर की उपाधि दी गई थी। कार्तिकेयन मुरली दो बार नेशनल चैंपियनशिप भी जीत चुकें हैं। इसके अलावा एज ग्रुप में ही कार्तिकेयन मुरली कई बड़े टूर्नामेंट जीत चुकें हैं।