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FIFA World Cup 2022: फीफा में यूज होने वाली Football मैच से पहले होती है Charge, बनाने में लगे 3 साल, जानिए खासियत

नई दिल्ली: कतर में फीफा वर्ल्ड कप का खुमार चढ़ा हुआ है। हर मैच मजेदार हो रहा है। फीफा के लिए गेंद बनाने वाली कंपनी एडिडास हर बार कुछ नया करती है। इस बार फिर से एडिडास ने कुछ इंटरेस्टिंग किया है। गेंद का नाम अल-रिहला दिया गया है। फुटबॉल को विशेष रूप से डिजाइन […]

Edited By : Gyanendra Sharma | Updated: Dec 5, 2022 12:35
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FIFA World cup 2022

नई दिल्ली: कतर में फीफा वर्ल्ड कप का खुमार चढ़ा हुआ है। हर मैच मजेदार हो रहा है। फीफा के लिए गेंद बनाने वाली कंपनी एडिडास हर बार कुछ नया करती है। इस बार फिर से एडिडास ने कुछ इंटरेस्टिंग किया है। गेंद का नाम अल-रिहला दिया गया है। फुटबॉल को विशेष रूप से डिजाइन किया गया है। जिसे मैच शुरू होने से पहले चार्ज किया जाता है। जैसे फोन को चार्जर की मदद से चार्ज किया जाता है, उसी तरह फुटबॉल को भी चार्ज किया जाता है। इस गेंद को बनाने में एडिडास को 3 साल का समय लगा।

क्यों चार्ज करना पड़ता है फुटबॉल?

फीफा वर्ल्ड कप में VAR यानी की वीडियो एनालिटिकल रिव्यू का इस्तेमाल होता है। इसकी मदद से रेफरी गेंद की सही लोकेशन के बारे में पता लगाता है। आसान भाषा में VAR को क्रिकेट की तरह थर्ड अंपयार कहा जा सकता है, जो वीडियो देखकर मैच में हुए विवाद का निपटारा करते हैं। गेंद को मैच से पहले चार्ज किया जाता है। गेंद में 14-ग्राम सेंसर लगाया गया है। सेंसर की बैट्री लाइफ 6 घंटे की होती है। जिसके कारण बॉल को मैच से पहले चार्ज किया जाता है।

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सेंसर काम कैसे करता है

गेंद के बीच में सेंसर फीट होता है और गेंद को किक लगते ही सेंसर एक्टिवेट हो जाता है। फील्ड के चारों ओर छोटे-छोटे एंटिना लगे होते हैं जिसे सेंसर की मदद से डेटा भेजा जाता है। इस डेटा को फिर रियल टाइम में इस्तेमाल किया जाता है। इससे VAR का काम आसान हो जाता है। VAR को गेंद की हर मूवमेंट का पता होता है। VAR का मदद से रेफरी को पता होता है कि फुटबॉल को किस गति से किक मारी गई। गेंद मैदान के किस कोने में हैं और उसकी मूवमेंट किस तरफ की थी।

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सेंसर की मदद से खिलाड़ी की परफॉर्मेंस को भी एनिलाइज किया जाता है। किस खिलाड़ी के पार कितनी देर गेंद रहा किसने कितनी तेजी से दौड़ लगाई ये सब डेटा भी मिलता है। गेंद में सेंसर एक ट्रैकिंग डिवाइस की तरह है।

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बनाने में लगे 3 साल

गेंद में सेंसर को लगाने का काम सबसे मुश्किल था। सेंसर को गेंद के बीच में फिट करने में काफी समय लगा। एडिडास को इसे क्रेक करने में तीन साल लगे। गेंद को पाकिस्तान के सियालकोट में बनाया गया है। दुनिया की दो-तिहाई से ज्यादा फुटबॉल्स इस शहर के हजार कारखानों में बनाई जाती है।

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Edited By

Gyanendra Sharma

Edited By

Manish Shukla

First published on: Dec 04, 2022 04:32 PM

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