Olympics Unbelievable Facts: पेरिस ओलंपिक में हजारों खिलाड़ी जी-जान लगाकर अपनी बेस्ट परफॉरमेंस देने में लगे हुए हैं। कोई सात महीने की प्रेगनेंट होने के बावजूद तलवारबाजी में पदक जीत रही है तो कैंसर से उबरकर अपने देश के लिए ओलंपिक पदक के लिए जूझता दिखा। भारत की ही बात करें तो नए बैडमिंटन स्टार लक्ष्य सेन ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में कोहनी से खून बहते रहने के बावजूद डटे रहे और भारत को पदक दिलाने की कोशिश करते रहे। लक्ष्य के इस जज्बे को देख कर अचानक ही ऐसे खिलाड़ियों की कहानी याद आ गई, जिन्होंने सिर्फ अपनी इच्छाशक्ति की बदौलत असंभव को संभव कर दिखाया।
Paris Olympics के बीच हम आपको एक ऐसे शूटर की कहानी बताने जा रहे हैं, जिसे हारना मंजूर नहीं था। इसके लिए उसने वो कर दिखाया, जिसकी कल्पना भी करना मुश्किल होता है। अगर आप राइट हैंड से काम करते हैं तो लेफ्ट हैंड से काम करना बहुत ही मुश्किल होता है। लेकिन इस शूटर का राइट हैंड जब काम करना बंद कर गया तो लेफ्ट हैंड से पिस्टल इवेंट में सटीक निशाना लगा दिया और गोल्ड मेडल जीत लिया। उनकी इस उपलब्धि से प्रेरित होकर बॉलीवुड में आर बाल्की ने फिल्म भी बना डाली।
लाइफ में जोश भर देगी ये कहानी
हंगरी के एक शूटर थे कारोली टाकास। उन्होंने जो किया, उसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। 1910 में जन्मे टाकास जल्द ही हंगरी की सेना में शामिल हो गए। वह एक वर्ल्ड क्लास पिस्टल शूटर थे। लेकिन किसी वजह से 1936 के ओलंपिक में उन्हें हंगरी की शूटिंग टीम में इसलिए जगह नहीं मिल सकी। इसकी वजह बस यह थी कि वह सेना में सार्जेंट थे और ओलंपिक टीम में सिर्फ कमिश्नड ऑफिसर ही भाग ले सकते थे। 1940 के टोक्यो ओलंपिक से पहले ही यह नियम हटा और उनकी उम्मीद फिर से जगी।
ये भी पढ़ें: कोहनी से बहता रहा खून, फिर भी लक्ष्य ने नहीं छोड़ा मैदान
हाथ में फट गया ग्रेनेड
मगर 1938 में उनके साथ एक बड़ा हादसा हो गया। आर्मी ट्रेनिंग के दौरान एक खराब ग्रेनेड उनके हाथ में ही फट गया। वह बुरी तरह से घायल हो गए और उनका दायां हाथ बुरी तरह से घायल हो गया। डॉक्टर्स ने साफ कह दिया कि वह अब कभी पिस्टल नहीं चला पाएंगे। लगने लगा कि ओलंपिक में अपने देश के लिए खेलने का उनका सपना सपना ही रह जाएगा। मगर उन्होंने कुछ कर देने की ठानी हुई थी। उसने लेफ्ट हैंड से प्रेक्टिस करनी शुरू कर दी।
Karoly Takacs of the Hungarian Army, was top pistol shooter in the world for men’s 25 metre rapid fire pistol. He had won many national and international championship in shooting. He was preparing for Olympics 1940 and was expected to win Gold for his nation.
But one day in 1938… pic.twitter.com/boMIPftepu
— Manan Bhatt 🇮🇳 (@mananbhattnavy) June 16, 2023
चोरी-छिपे ट्रेनिंग
कारोली टाकास ने अपने साथियों से छिपकर बाएं हाथ से ट्रेनिंग करना शुरू कर दिया। अचानक ही 1939 में नेशनल गेम्स में जब उन्होंने गोल्ड जीता तो हर कोई चौंक गया। यही नहीं 1939 में वर्ल्ड शूटिंग चैंपियनशिप जीतने वाली हंगरी टीम के भी वह सदस्य रहे। मगर इसके बावजूद ओलंपिक का सपना अभी दूर था। दूसरा विश्व युद्ध छिड़ चुका था और इस वजह से 1940 और 1944 के ओलंपिक गेम्स रद्द हो गए। मगर वह पीछे हटने वाले नहीं थे और उन्होंने आस नहीं छोड़ी।
ये भी पढ़ें: पेरिस में हॉकी टीम का ओलंपिक मेडल पक्का!
कर दिया कमाल
फिर वो घड़ी आई, जिसके लिए वह लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। 1948 के ओलंपिक गेम्स में 38 साल की उम्र में उन्होंने 25 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में बाएं हाथ से ही निशाना लगाया और गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया। यही नहीं अगले 1952 के ओलंपिक में भी उन्होंने यही इतिहास दोहरा दिया और दो स्वर्ण पदक जीतकर सभी को हैरान कर दिया। 1956 के ओलंपिक में हैट्रिक लगाने के इरादे से उतरे, लेकिन वह फेल हो गए और आठवें स्थान पर रहे। सेना में वह लेफ्टिनेंट कर्नल के पद से रिटायर हुए।
Although ‘Ghoomer’ is a fictional story, R Balki’s new film takes inspiration from the remarkable real-life journey of a late Hungarian shooter Karoly Takacs who triumphed over challenges following a severe hand injury, securing two Olympic gold medals.
Trailer:… pic.twitter.com/QcQWfiuIGC
— Movie Lovers (@MovieLoversNP) August 18, 2023
बॉलीवुड में बनी फिल्म
हाल ही में अभिषेक बच्चन और सैयामी खेर की एक फिल्म आई, ‘घूमर’। आर बाल्की की इस फिल्म में महिला क्रिकेटर का दायां हाथ कट जाता है तो वह बाएं हाथ से गेंदबाजी करना शुरू करती है। माना जाता है यह फिल्म टाकास की लाइफ से ही प्रेरित है।
ये भी पढ़ें: फेमस वेब सीरीज में दम दिखा चुके एथलीट ने एक ही ओलंपिक में जीते 2 मेडल