पेरिस पैरालंपिक्स में महिलाओं की रेस में वैलेंटिना पेट्रिलो के शामिल होने से एक और विवाद खड़ा हो गया है। हैरी पॉटर की लेखिका और वूमेंस राइट्स एक्टिविस्ट जेके रोलिंग ने तीखे शब्दों में उनकी आलोचना की है। रोलिंग ने इटली के ट्रांसजेंटर पैरालंपिक स्प्रिंटर वैलेंटिना पेट्रिलो को ऐसा बेईमान बताया है जिसे कोई शर्म नहीं है। बता दें कि वैलेंटिना पेट्रिलो (51) बायोलॉजिकल पुरुष हैं लेकिन एक महिला के तौर पर आइडेंटिफाई करते हैं।
हाल ही में जब वैलेंटिना ने विजुअली इम्पेयर्ड 400 मीटर की दौड़ के सेमी फाइनल के लिए क्वालीफाई किया था। इसके बाद रोलिंग ने तंज कसते हुए एक के बाद एक कई पोस्ट किए थे। उन्होंने कहा कि प्रेरणा देने वाले पेट्रिलो को लेकर इतना गुस्सा किसलिए है? बेईमानों के समुदाय में ऐसी स्थिति कभी नहीं देखी गई। पेट्रिलो जैसे गर्व से भरे बेईमानों ने साबित किया है कि बेईमानी करने के बाद शर्मिंदगी महसूस करने का समय अब जा चुका है।
Why all the anger about the inspirational Petrillo? The cheat community has never had this kind of visibility! Out and proud cheats like Petrillo prove the era of cheat-shaming is over. What a role model! I say we give Lance Armstrong his medals back and move on. #Cheats #NoShame pic.twitter.com/bvqhs3DexI
— J.K. Rowling (@jk_rowling) September 2, 2024
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इमान खलीफ पर भी हो गया था विवाद
बता दें कि जेके रोलिंग ने पेरिस ओलंपिक्स के दौरान अल्जीरिया की बॉक्सर इमान खलीफ को लेकर भी आवाज उठाई थी। जेंडर चेंज करवाकर महिला बनी इमान खलीफ एक बार जेंडर एलिजिबिलिटी टेस्ट में फेल हो चुकी थीं लेकिन, पेरिस ओलंपिक में उन्होंने महिलाओं की बॉक्सिंग प्रतिस्पर्धा में गोल्ड मेडल जीता था। वैलैंटिना पेट्रिलो हालांकि, फाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाई हैं लेकिन आलोचकों को उन्होंने जलन का शिकार बताया है।
Transgender athlete Valentina Petrillo failed to reach the 400m final at the Paris Paralympics, but hopes her participation was an “important symbol of inclusion” and made her son proud.
Petrillo is also competing in the women’s 200m event. #Paralympics #Paris2024 pic.twitter.com/yaY3saq7f7
— DW Sports (@dw_sports) September 3, 2024
45 साल की उम्र में बदलवाया था जेंडर
वैलेंटिना ने साल 2019 में 45 साल की उम्र में जेंडर चेंज करवाया था। उससे पहले पुरुष एथलीट के तौर पर उन्होंने दर्जनों प्रतियोगिताओं में जीत हासिल की थी। वैलेंटिना का कहना है कि पेरिस पैरालंपिक में हिस्सा लेने का मौका मिलना उनके बचपन के सपने के सच होने जैसा है। उनका कहना है कि एक तेज मगर नाखुश पुरुष होने से ज्यादा बेहतर एक स्लो मगर खुश महिला होना है। वह पैरालंपिक में हिस्सा लेने वाली पहली ट्रांसजेंडर महिला हैं।