Team India: टीम इंडिया ने एजबेस्टन का किला आखिरकार भेद डाला। 58 साल के लंबे इंतजार के बाद भारतीय टीम को इस ग्राउंड पर पहली जीत नसीब हुई। बल्लेबाजों के टॉप क्लास शो के बाद भारतीय गेंदबाजों का जादू सिर चढ़कर बोला। आकाशदीप के आगे इंग्लिश बैटिंग ऑर्डर ताश के पत्तों की तरह बिखर गया। 608 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए इंग्लैंड की पूरी टीम सिर्फ 271 रन बनाकर ढेर हो गई। शुभमन गिल की कप्तानी में भारतीय टीम ने विदेशी सरजमीं पर सबसे बड़ी जीत का स्वाद भी चखा। हालांकि, इस जीत के बावजूद टीम इंडिया के नाम शर्मनाक रिकॉर्ड दर्ज हो गया है।
टीम इंडिया के नाम दर्ज हुआ शर्मनाक रिकॉर्ड
दरअसल, टीम इंडिया को एजबेस्टन में पहली जीत दर्ज करने में 58 साल लग गए। गिल की युवा ब्रिगेड सबसे ज्यादा मैच खेलने के बाद एक ग्राउंड पर पहली जीत का स्वाद चखने वाली टीम बनी है। भारत को एजबेस्टन में पहली जीत 19 टेस्ट मैच खेलने के बाद मिली है। भारत से पहले यह शर्मनाक रिकॉर्ड पाकिस्तान के नाम था, जिन्होंने 17 टेस्ट मैच खेलने के बाद लॉर्ड्स में पहली जीत दर्ज की थी। दूसरे टेस्ट में भारतीय टीम ने इंग्लैंड को 336 रनों से पटखनी दी। आकाशदीप के आगे इंग्लैंड का बैटिंग ऑर्डर पूरी तरह से बेबस नजर आया। पहली पारी में आकाश ने चार विकेट अपने नाम किए। वहीं, दूसरी इनिंग में आकाशदीप ने कहर बरपाते हुए छह इंग्लिश बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई।
📍 Edgbaston
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गिल ने रचा इतिहास
शुभमन गिल ने एजबेस्टन में बतौर कप्तान पहली जीत का स्वाद चखा। इस जीत के साथ ही गिल ने इतिहास रच डाला। शुभमन घर से बाहर कप्तान के तौर पर जीत दर्ज करने वाले सबसे युवा कैप्टन बन गए हैं। उन्होंने सुनील गावस्कर का 49 साल पुराना रिकॉर्ड चकनाचूर कर डाला। गावस्कर ने बतौर कप्तान 1976 में 26 साल 2002 दिन की उम्र में पहली जीत दर्ज की थी। वहीं, गिल ने यह उपलब्धि 25 साल 301 दिन की उम्र में हासिल की है। कप्तानी के साथ-साथ शुभमन का बल्ला भी जमकर बोला और उन्होंने पहली इनिंग में 269 और दूसरी पारी में 161 रनों की धांसू पारी खेली। गिल एक टेस्ट में 400 से ज्यादा रन बनाने वाले पहले एशियन बल्लेबाज भी बने।