Shreyas Iyer Kicked Off From Team India Squad: इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के आखिरी तीन मैचों के लिए शनिवार को टीम इंडिया का ऐलान कर दिया गया है। इस स्क्वॉड में कुछ बदलाव देखने को मिले हैं जिसमें से पहले दो मैच खेलने वाले श्रेयस अय्यर को बाहर करना एक बड़ा मूव रहा। हालांकि, शुक्रवार को ऐसी खबरें आ रही थीं कि अय्यर चोटिल हैं और उनके स्क्वॉड में चुने जाने पर सस्पेंस है। लेकिन अब टीम के ऐलान के बाद उनके सेलेक्शन नहीं होने पर बड़ा खुलासा हुआ है। ईएसपीएन क्रिकइंफो ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि अय्यर फिट हो गए थे लेकिन इसके बावजूद उन्हें बाहर कर दिया गया।
किसने खाई अय्यर की जगह?
क्रिकइंफो ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि आखिरी तीन टेस्ट के लिए चुने गए स्क्वॉड में सेलेक्शन के लिए श्रेयस अय्यर उपलब्ध थे। लेकिन हुआ कुछ ऐसा कि पहले दो टेस्ट में खराब प्रदर्शन के कारण अय्यर को बाहर होना पड़ा। अब सवाल यह भी उठता है कि आखिर किसने खाई श्रेयस अय्यर की जगह? इसके लिए कोई सीधा जिम्मेदार तो नहीं हो सकता बल्कि खुद अय्यर ही इसके सबसे बड़े जिम्मेदार हैं। श्रेयस अय्यर ने पहले दोनों टेस्ट में अपनी बल्लेबाजी से निराश किया। चार पारियों में उन्होंने 35, 13, 27 और 29 रन बनाए। अय्यर ने चार पारियों में 104 रन ही बनाए।
रजत पाटीदार और सरफराज खान का चयन
विराट कोहली के रिप्लेसमेंट के तौर पर पहले टेस्ट के लिए टीम में रजत पाटीदार को मौका मिला था। उसके बाद दूसरे टेस्ट में उन्हें डेब्यू भी मिला। वहीं सरफराज खान को दूसरे टेस्ट से पहले केएल राहुल के रिप्लेसमेंट के तौर पर लाया गया था। अभी उन्हें हालांकि डेब्यू का इंतजार है। अब यह दोनों खिलाड़ी आखिरी तीन टेस्ट मैचों के लिए भी टीम का हिस्सा रहने वाले हैं। साफतौर पर इंडिया ए और घरेलू क्रिकेट में इन दोनों खिलाड़ियों का प्रदर्शन श्रेयस अय्यर पर भारी पड़ा है। इसी कारण उन्हें बाहर होना पड़ा।
साउथ अफ्रीका दौरे के बाद उठे थे सवाल
श्रेयस अय्यर को साउथ अफ्रीका दौरे के बाद भी टीम से बाहर किया गया था। ऐसे में खबरें थीं कि टीम मैनेजमेंट उनके शॉट सेलेक्शन से नाराज है। यह भी कहा जा रहा था कि उन्हें रणजी खेलने की हिदायत भी दी गई है। फिर इंग्लैंड सीरीज के लिए पहले दो टेस्ट में उन्हें चुना गया, वह रणजी भी खेले लेकिन उनका शॉट सेलेक्शन नहीं सुधरा। बाउंस के खिलाफ वह दिक्कत में रहते ही थे वहीं जहां उन्हें स्पिन का अच्छा खिलाड़ी माना जाता था, उस मानक में भी वह खरे नहीं उतर पाए।