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खेल

पल-पल पलटी बाजी, थम गई थीं सांसें, नंबर 9 और 10 के बैटर का ‘चमत्कार’, Champions Trophy का सबसे रोमांचक फाइनल

चैंपियंस ट्रॉफी में यूं तो कई यागदार मैच खेले गए हैं, लेकिन 2004 में खेले गए फाइनल मुकाबले को इस टूर्नामेंट का सबसे रोमांचक मैच माना जाता है।

Author Edited By : Shubham Mishra Updated: Feb 17, 2025 20:16
Champions Trophy 2004 FInal

Champions Trophy 2004 Final: साल 2004 और 25 सितंबर की तारीख। इसी तारीख को चैंपियंस ट्रॉफी का एक ऐसा फाइनल मुकाबला खेला गया, जिसे देखने के बाद हर किसी को मानना पड़ गया था कि क्रिकेट के खेल में ‘चमत्कार’ संभव है। चैंपियन बनने की दहलीज पर खड़ी इंग्लैंड टीम के पैर वेस्टइंडीज के दो पुछल्ले बल्लेबाजों ने खींच लिए थे। अपने ही घर में अंग्रेजों का सपना आंखों के सामने चकनाचूर हो गया था और वेस्टइंडीज ने 22 गज की पिच पर वो कर दिखाया था, जिसे क्रिकेट की भाषा में मैजिक कहा जाता है।

नंबर 9 और 10 के बल्लेबाज के आगे इंग्लिश टीम के दिग्गज बॉलर्स ने हथियार डाल दिए थे। 9वें विकेट के लिए अटूट 71 रन की पार्टनरशिप ने ब्रायन लारा की कप्तानी वाली कैरेबियाई टीम को जश्न में डूब जाने वाला सुनहरा पल दे डाला था। यह वो खिताबी मुकाबला था, जो क्रिकेट की किताब में हमेशा के लिए सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया।

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217 पर ढेर हुई इंग्लिश टीम

द ओवल के मैदान पर फाइनल मैच में टॉस का सिक्का वेस्टइंडीज के पक्ष में उछला और कप्तान लारा ने गेंदबाजी करने का फैसला किया। कप्तान के फैसले को टीम के गेंदबाजों ने एकदम सही साबित कर दिखाया और इंग्लैंड की पूरी टीम को 217 रनों पर समेट दिया। इंग्लिश टीम की ओर से मार्कस ट्रेस्कोथिक ने शतकीय पारी खेली और 124 गेंदों पर 104 रन ठोके, जिसके बूते टीम 200 का आंकडा़ पार करने में सफल रही। ट्रेस्कोथिक के अलावा एश्ले जाइल्स ने 31, एंड्रयू स्ट्रॉस ने 18 और पॉल कॉलिंगवुड ने 16 रन का योगदान दिया।

ट्रेस्कोथिक और जाइल्स के बीच हुई63 रन की साझेदारी के बूते इंग्लैंड की लाज बच गई और टीम ने स्कोर बोर्ड पर लड़ने लायक टोटल खड़ा कर लिया। गेंदबाजी में वेस्टइंडीज की ओर से वेवेल हिंड्स ने तीन विकेट अपनी झोली में डाले, तो ब्रैडशॉ ने दो विकेट चटकाए।

औंधे मुंह गिरा वेस्टइंडीज का बैटिंग ऑर्डर

वेस्टइंडीज के सामने लक्ष्य था 218 रन का। स्टार बल्लेबाजों से सजे वेस्टइंडीज के बैटिंग ऑर्डर के आगे यह टारगेट छोटा ही लग रहा था। मगर इंग्लिश गेंदबाजों ने शुरुआत में ही नकेल कसकर रखी और 80 रन के स्कोर तक पहुंचते-पहुंचते वेस्टइंडीज के पांच बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखा दी। क्रिस गेल, सरवन, कप्तान ब्रायन लारा और ब्रावो सस्ते में पवेलियन लौट गए। चंद्रपॉल अकेले कैरेबियाई टीम की ओर से लड़ाई लड़ रहे थे, लेकिन 66 गेंदों का सामना करने के बाद उनकी 47 रन की पारी का भी अंत हो गया।

ब्रैडशॉ और कर्टनी ब्राउन का ऐतिहासिक साझेदारी

147 के स्कोर पर 8 विकेट गिर चुके थे और वेस्टइंडीज की हार तय लग रही थी। ओवल के मैदान पर इंग्लिश फैन्स ने जश्न की तैयारियां भी शुरू कर दी थीं। मगर इस खेल की खासियत ही तो यही है कि यहां गेम कब और कैसे पलट जाए यह कोई नहीं जानता। 25 सितंबर 2004 को भी कुछ ऐसा ही हुआ। नंबर 9 पर बैटिंग करने उतरे कर्टनी ब्राउन और 10 पर बैटिंग करने आए इयान ब्रैडशॉ अंग्रेजों के लिए उस दिन काल बन गए। इंग्लिश कप्तान माइकल वॉन के तरकश में जितने भी तीर थे उन्होंने सब का इस्तेमाल कर लिया, लेकिन इस जोड़ी का हौसला नहीं तोड़ सके।

ब्राउन और ब्रैडशॉ ने मिलकर 9वें विकेट के लिए देखते ही देखते 71 रन जोड़ डाले। 48वें ओवर की तीसरी गेंद पर ब्रैडशॉ के बल्ले से निकले चौके के साथ ही वेस्टइंडीज खेमा जश्न में डूब गया। वेस्टइंडीज टीम का हर खिलाड़ी उस दिन जानता था कि इस तरह की जीत सदियों में एक बार मिलती है। ब्रैडशॉ और ब्राउन ने उस दिन वो कारनामा कर दिखाया था, जिस पर शायद उन्हें भी यकीन नहीं हुआ होगा। वेस्टइंडीज ने इंग्लैंड को 2 विकेट से हराते हुए चैंपियंस ट्रॉफी के खिताब को अपने नाम कर लिया था।

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Edited By

Shubham Mishra

First published on: Feb 17, 2025 07:58 PM

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