विक्रम-I क्या है?
विक्रम-I एक तकनीकी चमत्कार है, जिसे लगभग 300 किलोग्राम के पेलोड को पृथ्वी की निचली कक्षा (LEO) तक ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। कार्बन-फाइबर बॉडी वाले इस रॉकेट में ऐसी सुविधाएं हैं, जो इसे अपनी कैटेगरी के अन्य रॉकेट्स से अलग करती है।
विक्रम सीरीज का नाम भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के संस्थापक डॉ. विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है। इस मल्टी-मिलियन डॉलर के रॉकेट को छोटे सैटेलाइट लॉन्चिंग मार्केट पर कब्जा करने के लिए तैयार किया जा रहा है। रॉकेटों को न केवल भारत बल्कि विदेशी ग्राहकों को भी ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।
एक साथ कई सैटेलाइट्स को ऑर्बिट में पहुंचा सकता है विक्रम-I
बताया जा रहा है कि विक्रम-I काफी हल्की है, लेकिन इसका निर्माण मजबूती से किया गया है, जिसके कारण ये अंतरिक्ष यात्रा की कठोर परिस्थितियों का भी आसानी से सामना कर सकता है। विक्रम-I की सबसे उल्लेखनीय विशेषताओं में से एक ये हैं कि ये एक साथ कई सैटेलाइट्स को ऑर्बिट में स्थापित कर सकता है। कंपनी का दावा है कि इसे किसी भी लॉन्च साइट से 24 घंटे के भीतर असेंबल और लॉन्च किया जा सकता है।
Watch this thrilling simulation of Vikram 1, our cutting-edge orbital rocket unveiled today by Hon. Union Minister @DrJitendraSingh. With its all-carbon-fiber structure and remarkable capabilities, it can deploy multiple satellites into orbit. Stay tuned for more exciting… pic.twitter.com/tV9whxoynq
— Skyroot Aerospace (@SkyrootA) October 24, 2023
विक्रम-I कब लॉन्च होगा?
विक्रम-I के लॉन्चिंग की योजना 2024 की शुरुआत में बनाई गई है, जो 18 नवंबर, 2022 को विक्रम-S रॉकेट की सफल लॉन्चिंग के बाद स्काईरूट का दूसरा रॉकेट होगा। बता दें कि विक्रम-S की लॉन्चिंग भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक घटना थी, जो देश में किसी निजी कंपनी की ओर से इस तरह का पहला मिशन था।
विक्रम-I के अनावरण के अलावा, स्काईरूट एयरोस्पेस ने अपने नए मुख्यालय का भी उद्घाटन किया, जिसका नाम ‘द मैक्स-क्यू कैंपस’ है। दक्षिण हैदराबाद में जीएमआर एयरोस्पेस और औद्योगिक पार्क में स्थित ‘द मैक्स क्यू कैंपस’ 60,000 वर्ग फुट में फैली हुई है।