---विज्ञापन---

Science Research: अब हवा से बनेगी बिजली, खर्चा भी नहीं के बराबर होगा

Science Research: मैसाच्यूट्स एमहर्स्ट विश्वविद्यालय में शोधकर्ताओं की एक टीम ने हवा से बिजली बनाने की एक विधि खोज ली है। इस विधि के जरिए बिना किसी बाधा अथवा प्रदूषण के कम कीमत में लगातार लंबे समय तक बिजली बनाई जा सकेगी। इस विधि को ‘जेनेरिक एयर-जीन प्रभाव’ कहा जा रहा है। रिसर्च के नतीजे […]

Edited By : Sunil Sharma | Updated: Sep 3, 2023 16:24
Share :
Science News, Science News Hindi, Electricity from air, Science Research
Image Credit: maxpixel.net

Science Research: मैसाच्यूट्स एमहर्स्ट विश्वविद्यालय में शोधकर्ताओं की एक टीम ने हवा से बिजली बनाने की एक विधि खोज ली है। इस विधि के जरिए बिना किसी बाधा अथवा प्रदूषण के कम कीमत में लगातार लंबे समय तक बिजली बनाई जा सकेगी। इस विधि को ‘जेनेरिक एयर-जीन प्रभाव’ कहा जा रहा है। रिसर्च के नतीजे Advanced Materials जर्नल में पब्लिश किए गए हैं।

शोध में में शामिल इलेक्ट्रिकल और कंप्यूटर इंजीनियरिंग में स्नातक छात्र और पेपर के प्रमुख लेखक, शियाओमेंग लियू ने बताया कि हवा में भारी मात्रा में विद्युत होती है। उदाहरण के लिए पानी से भरा एक बादल। पूरा बादल पानी की नन्हीं बूंदों से मिल कर बना होता है। परन्तु ये पानी की ये बूंदें इलेक्ट्रिकली चार्ज होती है और सही सिचुएशन में बादल पर्याप्त मात्रा में विद्युत जनरेट कर सकता है। हालांकि अभी तक हम यह नहीं जानते थे कि किस तरह बादलों से इलेक्ट्रिसिटी बनाई जाए। हालांकि रिसर्च में हमने एक छोटे बादल के जरिए इलेक्ट्रिसिटी प्रोड्यूस करने में सफलता पाई है।

---विज्ञापन---

यह भी पढ़ें: वैज्ञानिकों को मिला पॉलिथीन खाने वाला बैक्टीरिया, जल्द खत्म होगी प्लास्टिक वेस्ट की समस्या

‘जेनेरिक एयर-जीन प्रभाव’ के जरिए बनाई जाएगी हवा से बिजली

वह कहते हैं कि मानव निर्मित इस हवा के बादल से भी एक विशेष सामग्री का प्रयोग कर इलेक्ट्रिसिटी प्रोड्यूस की जा सकती है। इस पूरी विधि को ‘जेनेरिक एयर-जीन प्रभाव’ कहा जाता है। इस बारे में सबसे पहले 2020 में हमें पता चला था कि बैक्टीरियम जिओबैक्टर सल्फ्यूरड्यूसेंस से उगाए गए प्रोटीन नैनोवायरों से बने एक विशेष सामग्री का उपयोग करके हवा से भी इलेक्ट्रिसिटी जनरेट हो सकती है। हालांकि इसके लिए कुछ जरूरी शर्तों की पालना करना अनिवार्य है।

---विज्ञापन---

उन्होंने बताया कि रिसर्च के आधार पर एक छोटा इलेक्ट्रिसिटी हार्वेस्टर डिजाईन कर सकते हैं। यह हार्वेस्टर 100 नैनोमीटर (मानव बाल की मोटाई के हजारवें हिस्से से भी बारीक) से छोटे नैनोपोर्स से भरी सामग्री की एक पतली परत से बनाया जाएगा जो पानी के अणुओं को सामग्री के ऊपरी से निचले हिस्से तक जाने देगा। लेकिन क्योंकि प्रत्येक छिद्र इतना छोटा होता है, पानी के अणु पतली परत से गुजरते हुए आसानी से छिद्र के किनारे से टकरा जाते हैं। इसका मतलब यह है कि परत के ऊपरी हिस्से पर निचले हिस्से की तुलना में कई अधिक चार्ज-वाहक पानी के अणुओं के साथ बमबारी की जाएगी, जिससे चार्ज असंतुलन पैदा होगा, जैसा कि एक बादल में होता है। इस तरह एक बैटरी बनेगी जो हवा में नमी का उपयोग कर विद्युत पैदा करेगी।

यह भी पढ़ें: मिला ‘शराब’ का इतना विशाल भंडार, दुनिया का हर आदमी रोज पी सकेगा 3 लाख लीटर

सभी तरह की परिस्थितियों में काम करेगा हार्वेस्टर (Science Research)

याओ कहते हैं कि ऐसा पहले कभी नहीं खोजा गया था लेकिन अब इससे नई संभावनाओं के दरवाजे खुल रहे हैं। हारवेस्टर को वस्तुतः सभी प्रकार की सामग्री से डिजाइन किया जा सकता है, जो लागत प्रभावी और पर्यावरण-अनुकूल निर्माण के लिए व्यापक विकल्प प्रदान करेगा। उदाहरण के लिए आप वर्षावन वातावरण के लिए एक प्रकार की सामग्री से अलग तरह का हार्वेस्टर बना सकते हैं तो शुष्क क्षेत्रों के लिए अलग तरह का हार्वेस्टर बन सकता है।

याओ कहते हैं कि फिलहाल इस विषय पर काम चल रहा है लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि भविष्य में ऐसे एयर-जेन डिवाइस के जरिए किलोवाट-स्तर की इलेक्ट्रिसिटी भी जनरेट की जा सकेगी। यह आने वाले भविष्य की एक हकीकत बन सकता है। सबसे बड़ी बात इसके जरिए बहुत कम लागत पर क्लीन एनर्जी बनाने का सपना साकार किया जा सकेगा।

HISTORY

Edited By

Sunil Sharma

First published on: Sep 03, 2023 04:10 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें