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अब कंपन और मूवमेंट से भी बन सकेगी इलेक्ट्रिसिटी, रिसर्च टीम ने डवलप किया नया उपकरण

Science News: तोहोकू विश्वविद्यालय के ग्रेजुएट स्कूल ऑफ एनवायर्नमेंटल स्टडीज में रिसचर्स की एक टीम ने एक नया उपकरण विकसित किया है। यह उपकरण पीजोइलेक्ट्रिक कंपोजिट और कार्बन फाइबर-प्रबलित पॉलिमर का उपयोग करके अपने आस-पास होने वाले कंपन को इलेक्टिसिटी में बदल देता है। इस उपकरण के जरिए इंटरनेट ऑफ थिंग्स डिवाईसेज को लंबे समय […]

Edited By : Sunil Sharma | Updated: Jun 24, 2023 13:06
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Science News: तोहोकू विश्वविद्यालय के ग्रेजुएट स्कूल ऑफ एनवायर्नमेंटल स्टडीज में रिसचर्स की एक टीम ने एक नया उपकरण विकसित किया है। यह उपकरण पीजोइलेक्ट्रिक कंपोजिट और कार्बन फाइबर-प्रबलित पॉलिमर का उपयोग करके अपने आस-पास होने वाले कंपन को इलेक्टिसिटी में बदल देता है। इस उपकरण के जरिए इंटरनेट ऑफ थिंग्स डिवाईसेज को लंबे समय तक चार्ज किया जा सकेगा। समूह के शोध का विवरण 13 जून, 2023 को नैनो एनर्जी जर्नल में प्रकाशित किया गया था।

एक अंतरराष्ट्रीय शोध समूह ने पीजोइलेक्ट्रिक कंपोजिट को कार्बन फाइबर-प्रबलित पॉलिमर (सीएफआरपी) के साथ मिलाकर एक नया ऊर्जा पैदा करने वाला उपकरण तैयार किया है, जो आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री है जो हल्की और मजबूत दोनों है। नया उपकरण आसपास के वातावरण से कंपन को बिजली में बदल देता है, जो स्व-संचालित सेंसर के लिए एक कुशल और विश्वसनीय साधन प्रदान करता है।

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IoT सेक्टर में आएगा बड़ा परिवर्तन (Science News)

इस अध्ययन के सह-लेखक फुमियो नारिता कहते हैं, “फ्रिज से लेकर स्ट्रीट लैंप तक रोजमर्रा की वस्तुएं इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) के हिस्से के रूप में इंटरनेट से जुड़ी हुई हैं, और उनमें से कई सेंसर से लैस हैं जो डेटा एकत्र करते हैं।” परन्तु इन सभी IoT उपकरणों को कार्य करने के लिए एनर्जी या इलेक्ट्रिसिटी की आवश्यकता होती है, जिसे दूरस्थ स्थानों पर पूरा कर पाना अत्यन्त कठिन होता है।

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ऐसे में कंपन के जरिए इलेक्ट्रिसिटी जनरेट करने से इस तरह की समस्याओं से मुक्ति पाई जा सकेगी। रिसर्च टीम के अनुसार सूर्य की किरणें, गर्मी और कंपन सभी विद्युत ऊर्जा उत्पन्न कर सकते हैं। शरीर में भी मूवमेंट या कंपन होने पर विद्युत उत्पन्न की जा सकती है। इसके लिए पीजोइलेक्ट्रिक डिवाईसेज की जरूरत होगी। ऐसे में नया उपकरण बेहत उपयोगी सिद्ध होगा। C-PVEH नामक यह उपकरण टिकाऊ, कुशल और आईओटी उपकरणों को सशक्त बनाने के लिए एक आशाजनक समाधान है, जो ऊर्जा-कुशल प्रौद्योगिकियों में प्रगति की शुरुआत करता है।

नरीता कहते हैं ति हमने विचार किया कि क्या एक पीजोइलेक्ट्रिक वाइब्रेशन एनर्जी हार्वेस्टर (पीवीईएच), जो पीजोइलेक्ट्रिक कम्पोजिट के साथ सीएफआरपी की मजबूती का उपयोग करता है, ऊर्जा संचयन का अधिक कुशल और टिकाऊ साधन हो सकता है। समूह ने एपॉक्सी राल के साथ मिश्रित सीएफआरपी और पोटेशियम सोडियम नाइओबेट (केएनएन) नैनोकणों के संयोजन का उपयोग करके डिवाइस का निर्माण किया। सीएफआरपी एक इलेक्ट्रोड और एक सुदृढीकरण सब्सट्रेट दोनों के रूप में कार्य करता है।

शोध में पाया गया कि यह सी-पीवीईएच डिवाइस अपनी उम्मीदों पर खरा उतरा। परीक्षणों और सिमुलेशन से पता चला कि यह 100,000 से अधिक बार टेस्टिंग के बाद भी यह लगातार शानदार प्रदर्शन करता है। यह उत्पन्न बिजली को संग्रहीत करने और एलईडी लाइटों को बिजली देने में दूसरी बैटरीज के मुकाबले ज्यादा सक्षम साबित हुआ। इसके अतिरिक्त, इसने ऊर्जा उत्पादन घनत्व के मामले में अन्य केएनएन-आधारित पॉलिमर कंपोजिट से बेहतर प्रदर्शन किया।

सी-पीवीईएच स्व-संचालित आईओटी सेंसर के विकास को बढ़ावा देने में मदद करेगा, जिससे अधिक ऊर्जा-कुशल आईओटी डिवाइस तैयार होंगे। नरीता और उनके सहयोगी भी अपनी सफलता की तकनीकी प्रगति से उत्साहित हैं। वह कहते हैं कि हमारे सी-पीवीईएच डिवाइस के सामाजिक लाभों के साथ-साथ, हम ऊर्जा संचयन और सेंसर प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में किए गए योगदान से रोमांचित हैं।”

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Edited By

Sunil Sharma

First published on: Jun 24, 2023 01:01 PM

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