Lithium ion battery new tool invention : इलेक्ट्रिक व्हीकल चालकों के लिए अच्छी खबर है। इलेक्ट्रिक व्हीकल की बैटरी खराब हो गई है या नहीं, अब इसकी सूचना पहले ही मिल जाएगी। शारदा यूनिवर्सिटी के चार छात्रों ने हाल ही में एक शोध के बाद, एक ऐसी तकनीक तैयार की है जिससे बैटरी की पूरी बैटरी को खराब होने से बचाया जा सकता है। दरसअल, केंद्र सरकार शुद्ध-शून्य उत्सर्जन लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में लगातार प्रयासरत है। इलेक्ट्रिक वाहन (BEVs) की प्रयास का केंद्र बिंदु बनता जा रहा है। फरवरी माह में जम्मू कश्मीर में लिथियम का भंडार मिलने से अब नॉन फेरस मेटल के क्षेत्र में अब भारत की निर्भरता दूसरे देशों से कम होने की उम्मीद जताई गई थी।
आईआईटी रूड़की ने प्रयास को सराहा
वहीं दिल्ली सहित कई राज्यों में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया जा रहा है इसका कारण है, इलेक्ट्रिक वाहन प्रदूषण कम करते हैं। हालांकि इलेक्ट्रिक वाहन में बैटरी का एक सेल खराब हो जाता है तो इसके लिए वाहन की कुल कीमत का 50 % तक चुकाना पड़ता है, लेकिन अब इससे निजात मिल सकती हैं। आईआईटी रूड़की ने छात्रों के इस प्रयास के लिए 30 लाख रुपए अनुदान देने की घोषणा की है।
स्प्रिंग कॉन्टैक्ट पर आधारित तकनीक
दरसअल, बैटरी में स्पॉट वेल्डिंग टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाता है। जिससे बैटरी के सेल एक-दूसरे से सर्किट में जुड़े होते हैं। देर तक चार्जिंग पर लगाए रखने के कारण बैटरी के किसी भी एक सेल पर असर पड़ जाता है, जिस वजह से पूरी बैटरी नष्ट हो जाती है। छात्रों ने स्प्रिंग कॉन्टैक्ट पर आधारित एक ऐसी तकनीक बनायी है, जिसमें एक खास तरह का बॉक्स बनाया गया है, जिसमें सेलों की स्पॉट वेल्डिंग नहीं होती। नई तकनीक के जरिए सेल, स्प्रिंग की मदद से आपस में जुड़े होते हैं। वहीं वाहन के डैशबोर्ड पर एक इंडिकेटर लगा है, जो बैटरी के सेल खराब होने के पहले एक सॉफ्टवेयर की मदद से इसकी सूचना भेजता है, इससे वाहन की पूरी बैटरी खराब होने से बच जाती है।