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अब मानव मस्तिष्क में लगेगी चिप, कम्प्यूटर से कंट्रोल कर सकेंगे दिमाग और शरीर

Elon Musk के नेतृत्व वाली Neuralink ने कहा है कि कंपनी को अपना पहला-इन-ह्यूमन क्लिनिकल अध्ययन शुरू करने के लिए यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) की मंजूरी मिल गई है, जिसका अर्थ है कि अब वास्तविक मनुष्यों में भी न्यूरालिंक डिवाइस इंप्लांट किया जा सकेगा। उल्लेखनीय है कि कंपनी के इस प्रयोग में इंसानों […]

Edited By : Sunil Sharma | Updated: May 26, 2023 17:06
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Image Credit: flickr.com/photos/heisenbergmedia

Elon Musk के नेतृत्व वाली Neuralink ने कहा है कि कंपनी को अपना पहला-इन-ह्यूमन क्लिनिकल अध्ययन शुरू करने के लिए यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) की मंजूरी मिल गई है, जिसका अर्थ है कि अब वास्तविक मनुष्यों में भी न्यूरालिंक डिवाइस इंप्लांट किया जा सकेगा। उल्लेखनीय है कि कंपनी के इस प्रयोग में इंसानों के दिमाग में एक चिप लगाई जाएगी जिसे कम्प्यूटर के कनेक्ट कर अलग-अलग उपयोग में लिया जा सकेगा।

न्यूरालिंक ने एक ट्वीट करते हुए कहा, “हम यह साझा करने के लिए उत्साहित हैं कि हमें अपना पहला मानव नैदानिक अध्ययन शुरू करने के लिए एफडीए की मंजूरी मिल गई है। यह FDA के साथ घनिष्ठ सहयोग और न्यूरालिंक टीम द्वारा किए गए अद्भुत कार्य का परिणाम है और एक महत्वपूर्ण पहल है जिसके जरिए हमारी तकनीक लोगों की मदद कर सकेगी।”

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जल्द किया जाएगा क्लीनिकल ट्रायल

न्यूरालिंक ने जानकारी देते हुए कहा कि फिलहाल क्लिनिकल ट्रायल ओपन नहीं किया गया है, इस बारे में जल्दी ही जानकारी दी जाएगी। न्यूरालिंक ने पहले भी एफडीए से इस संबंध में मंजूरी देने की अपील की थी जिसे उस समय नामंजूर कर दिया गया था। गत वर्ष दिसंबर में एलन मस्क ने दावा भी किया था कि कंपनी की चिप मानव परीक्षण के लिए पूरी तरह तैयार है और जल्दी ही सूअर तथा बंदरों पर प्रयोग के बाद इंसानों पर इस प्रयोग को किया जा सकेगा।

आपको बता दें कि न्यूरालिंक की प्रतिद्वंदी कंपनी सिंक्रोन इस फील्ड में पहले से काम कर रही है। सिंक्रोन का उद्देश्य लकवाग्रस्त लोगों को अकेले उनके मस्तिष्क की गतिविधियों के माध्यम से कंप्यूटर और फोन का उपयोग करने में सक्षम बनाना है। इसके लिए कंपनी ने छह गंभीर रूप से लकवाग्रस्त मरीजों पर अपनी डिवाईस की टेस्टिंग भी शुरु कर दी है।

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क्या होगा लाभ

न्यूरालिंक डिवाईस में मानव मस्तिष्क में एक चिप प्लांट की जाएगी। इस चिप को किसी कम्प्यूटर या अन्य डिवाईस से जोड़ कर मानव मस्तिष्क को कंट्रोल किया जा सकेगा। जरूरत पड़ने पर उसे कमांड दी जा सकेगी और दिमाग में क्या हो रहा है, इसे भी जाना और समझा जा सकेगा। मान जा रहा है कि इन प्रयोगों के सफल होने पर स्वास्थ्य जगत में एक जबरदस्त क्रांति की शुरूआत होगी।

First published on: May 26, 2023 04:59 PM

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