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साइंस

2025 में रिकॉर्ड होगा अब तक का सबसे छोटा दिन! जानिए क्यों पृथ्वी के घूमने की रफ्तार में आया बदलाव

Earth Rotation Speed Increases: वैज्ञानिकों ने पाया है कि धरती इस साल अपनी रोटेशन की गति में बदलाव देख सकती है। तकरीबन 4.5 साल बाद पृथ्वी अपने सबसे छोटे दिन को 2025 में रिकॉर्ड कर सकती है। मगर इसका कारण क्या है? आइए समझते हैं।

Author Written By: Namrata Mohanty Author Edited By : Namrata Mohanty Updated: Jul 5, 2025 12:30

Earth Rotation Speed Increases: क्या आप जानते हैं इस साल आने वाले कुछ दिनों में धरती अपने सबसे छोटे दिनों को रिकॉर्ड करेगी। दरअसल, इस पर शोधकर्ताओं ने रिसर्च कर पता लगाया है कि धरती की रोटेशन स्पीड बीते पांच सालों में बढ़ती हुई देखी गई है। हालांकि, धरती साल 2020 से अपनी एक सामान्य गति में घूम रही है, मगर अब इस खगोलीय गतिविधि से इस स्पीड में बदलाव देखने को मिल सकता है। दुनिया इस कारण अपना सबसे छोटा दिन जुलाई या अगस्त के महीने में दर्ज कर सकती है। इसका अर्थ यह होगा कि धरती पर एक दिन 24 घंटे से कम का हो सकता है।

कौन सा दिन होगा छोटा?

एस्ट्रोफिजिसिस्ट ग्राहम जोन्स ने इस रिसर्च पर गहन शोध किए हैं। धरती के सबसे छोटे दिनों के लिए तीन तारीखों का ऐलान किया गया है। ये तारीखें हैं- 9 जुलाई, 22 जुलाई और अगस्त में 5 तारीख। इसमें से किसी एक दिन के छोटे होने की संभावनाएं जताई गई हैं। दरअसल, इसका कारण बताया जा रहा है कि चंद्रमा की कक्षा में धरती का प्रभाव इस प्रतिक्रिया का कारक है। इसलिए, यह दिन अन्य दिनों के मुताबिक, 1.66 मिली सेकंड छोटा दर्ज किया जा सकता है।

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क्यों होगा दिन छोटा?

हालांकि, शोधकर्ताओं के मुताबिक, अबतक इस बारे में पता लगाना बाकी है कि आखिर क्यों ये दिन छोटे हो रहे हैं, मगर अब तक की स्टडी बताती है कि इसका कारण धरती की रोटेशनल स्पीड है। यह गति हर वर्ष बदल रही है और बढ़ती जा रही है। असल में वैज्ञानिक इस बात की अबतक खोज कर रहे हैं कि धरती क्यों घूम रही है, जिसका जवाब नहीं मिल रहा है। मगर इससे पहले भी कई बार छोटे दिनों को रिकॉर्ड किया जा चुका है।

 

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इससे पहले कब रिकॉर्ड हुए छोटे दिन?

कुछ रिकॉर्ड के मुताबिक, अबतक इससे पहले सबसे छोटा दिन 29 जून साल 2022 को रिकॉर्ड किया गया था।  इस दिन धरती ने अपना पूरा चक्कर  23 घंटे, 56 मिनट और 4.4 सेकंड के अंदर निपटाया था। ऐसे में यह दिन 24 घंटों में से 1.59 मिलीसेकंड कम रिकॉर्ड हुआ।  मगर वैज्ञानिकों ने इस परिवर्तन को लेकर कोई भी घबराने की बात नहीं मानी है।

हालांकि, इसके कुछ कारणों के बारे में किताबों में बताया गया है जिसके अनुसार, दिनों के छोटे होने की वजहें हैं- आंतरिक कोर की गतिविधियां

  • महासागरों और वायुमंडल की हलचलें।
  • चंद्रमा और सूर्य का गुरुत्वाकर्षण प्रभाव।
  • चांडलर वॉबल, इसमें पृथ्वी के घूमने की धुरी में छोटा सा झुकाव होना।

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First published on: Jul 05, 2025 12:22 PM

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