Chandrayaan 3 Story Behind Success: चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कर चंद्रयान 3 सफलता की नई-नई इबारत लिख रहा है। भारत के मून मिशन (Moon Mission) की इस कामयाबी पर दुनिया आश्चर्यचिक है तारीख कर रहा है। लेकिन यह सब इतना आसान भी नहीं था।
इस प्रोजेक्ट से जुड़े लोगों को कई चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा। इसके लिए एक प्रोजेक्ट से जुड़े लोगों ने दिन रात एक कर मेहनत की। इसरो (ISRO) की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि वो समय से ज्यादा देर काम करने वाले लोगों को ओवर टाइम या फिर कोई वित्तीय प्रोत्साहन दे सके। लेकिन इस प्रोजेक्ट से जुड़े लोगों ने इसकी भी परवाह नहीं की और वो दिन रात एक करके इस मिशन में जुड़े रहे हैं।
इस बीच Chandrayaan 3 की सफलता के पीछे कि एक रोचक जानकारी सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि चंद्रयान तीन की सफलता में शाम की कॉफी और मसाला डोसा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। दरअसल इसरो के पास समय से ज्यादा देर रूक कर काम करने पर लोगों को इंसेंटिव देने के लिए पैसे थे।
ऐसे में इसरो ने इसका नया तरीका निकाला। इसरो लोगों को शाम 5 रिफ्रेशमेंट के रूप में फ्री में कॉफी और 1 मसाला डोसा देना शुरू किया। शाम में यहां काम करने के वाले लोग कॉफी और मसाला डोसा के साथ रिफ्रेश होकर फिर से काम में जुट जाते थे।
वरिष्ठ पत्रकार पत्रकार बरखा दत्त ने ‘द वॉशिंगटन पोस्ट’ (The Washington Post) के लिए लिखे एक ओपिनियन पोस्ट में बताया कि चंद्रयान-3 की सफलता में इसरे की कैंटीन की शाम में शाम 5 बजे की फ़िल्टर कॉफी और मसाला डोसा का भी काफी महत्वपूर्ण रोल रहा।
बरखा दत्त ने चंद्रयान-3 मिशन से जुड़े वैज्ञानिक वेंकटेश्वर शर्मा से बातचीत के आधार पर ये बताया किया है। वेंकटेश्वर शर्मा ने बताया कि प्रोजेक्ट के समय से पहले पूरा करने के लिए ज्यादा समय देने की जरूरत थी, लिहाजा हम लोग स्वेच्छा ज्यादा समय तक इसमें जुटे रहते थे, इसकी बीच हमें ज्यादा समय तक रुकने पर शाम 5 बजे फ्री में मसाला डोसा और फिल्टर कॉफी मिलने लगा। इससे लोग शुख होने लगे। लोग और भी ज्यादा समय तक रुकने लगे।
साथ ही वैज्ञानिक वेंकटेश्वर शर्मा बताया की चंद्रयान-3 की चुनौतियों के बीच कम के दौरान उन्हें प्रोजेक्ट के एक महत्वपूर्ण महिला वैज्ञानिक से प्यार हो और दोनों ने शादी भी कर ली।
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