Chandrayaan 3 Mission : चंद्रमा की रहस्यों को सुलझाने की कोशिश में जुटा रोवर प्रज्ञान और विक्रम लैंडर अब आराम फरमा रहे हैं। दरअसल अब चंद्रमा अब रात हो गई है और अंधेरा छाया हुआ है। चंद्रमा पर एक रात धरती के 14 दिनों के बराबर का होता है। चंद्रमा पर अंधेरा होने की वजह से लैंडर विक्रम और प्रज्ञान रोवर को शिवशक्ति प्वाइंट पर सुला दिया गया है यानी स्लीप मोड पर डाल दिया है।
‘शिव शक्ति’ प्वाइंट के पास आराम फरमा रहा है विक्रम और प्रज्ञान
रोवर प्रज्ञान पर लगे दोनों पेलोड APSX और LIBS को भी बंद कर दिए हैं। इसके जरिए ही रोवर प्रज्ञान जुटाए गए डेटा को व्रिकम लैंडर के जरिये भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) को भेज रहा था।
चंद्रमा पर अब 22 सितंबर को होगा दिन
बताया जा रहा है कि चंद्रमा पर अब 22 सितंबर 2023 को सुबह यानी सूर्योदय होगा। इसके बाद लैंडर विक्रम और प्रज्ञान रोवर को एक्टीव मोड में डाल दिया जाएगा। सौर पैनलों पर सूर्य का प्रकाश पड़ने के बाद रोवर प्रज्ञान और विक्रम लैंडर फिर से काम करना शुरू कर देगा। इसके रिसीवर को एक्टिव मोड और एक खास दिशा में रखा गया है ताकि इसरो के वैज्ञानिक जब चाहें इससे संपर्क स्थापित कर सकें।
विक्रम और प्रज्ञान 10 दिनों चंद्रमा पर कर रहा था खोज
आपको बता दें कि इसरो ने ने 14 जुलाई को चंद्रयान-3 को लॉन्च किया था। अपने लॉन्चिंग के करीब 40 दिन के बाद यह चंद्रमा के दक्षिणी पोल की सतह पर सफलता से लैंड कर अपना काम शुरू कर दिया। करीब 10 दिनों तक चांद की सतह पर विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ने लगातार काम कर कई महत्व जानकारी इसरो के भेजा।
चांद पर रात होने की वजह से स्लीपिंग मोड में विक्रम और प्रज्ञान
लेकिन चांद पर रात यानी अंधेरा छाने के बाद यह स्लीपिंग मोड में चला गया है। इसरो के मुताबिक दोनों का बैटरी पूरी तरह चार्ज है और चंद्रमा पर दिन होते ही यह एकबार फिर से अपना काम शुरू कर देगा।
शिवशक्ति प्वाइंट से 100 मीटर की दूरी पर रोवर और लैंडर
इसरो के मुताबिक पिछले 10 दिनों में रोवर प्रज्ञान ने शिवशक्ति प्वाइंट पर उतरने के बाद से अबतक 100 मीटर की दूरी तय कर ली है। इसकी रफ्तार एक सेंटीमीटर प्रति सेकंड तय की गई है। इस दौरान रोवर प्रज्ञान और विक्रम लैंडर ने चांद पर कई महत्वपूर्ण खोज किए हैं।
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चांद पर भूकंप की भी विक्रम ने दी थी जानकारी
इसमें चांद पर कैमिकल मिश्रण, मिट्टी के प्रकार, तापमान में बदलाव, भूकंप से संबंधित जानकारियां शामिल है। 26 अगस्त को चांद पर भूकंप आया था, विक्रम लैंडर ने इसकी जानकारी इसरो को दी है। साथ ही विक्रम लैंडर ने इसरो को चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव की सतह पर सल्फर, एल्युमीनियम, कैल्शियम, आयरन, क्रोमियम, टाइटेनियम के मौजूद होने की भी जानकारी दी थी।
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