हिंदू धर्म में हर माह का अपना एक विशेष महत्व है। वैशाख हिंदू पंचांग का दूसरा महीना है, जो विशेष पुण्यदायक और फलदायी माना गया है। यह माह न केवल धर्म और भक्ति का प्रतीक है, बल्कि इसमें किए गए अच्छे कार्यों का फल भी कई गुना अधिक मिलता है। ऋषि-मुनियों ने इसे तप, दान और धर्म का महीना बताया है। ऐसा कहा गया है कि इस माह किए गए अच्छे कर्म, जैसे दान-पुण्य, जप और ध्यान का फल ‘अक्षय’ होता है, यानी कभी नष्ट नहीं होता।
कब से शुरू है वैशाख 2025?
आपको बता दें कि जब चंद्रमा विशाखा नक्षत्र में रहते हैं, तब इस महीने की शुरुआत होती है। यही कारण है कि इसे वैशाख माह कहा जाता है। हिन्दू धर्म के ग्रंथों के अनुसार, तो यह समय आत्मिक शुद्धि, परोपकार और भगवान की भक्ति में लीन होने का श्रेष्ठ अवसर होता है। आइए जानते हैं कि इस महीने में किस देवताओं के पूजा करने से हर काम में सफलता मिलती है और किस प्रकार के कार्यों करने से अपार पुण्य की प्राप्ति होती है?
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भगवान श्रीकृष्ण
वैशाख माह में श्रीकृष्ण की पूजा विशेष रूप से फलदायी मानी जाती है। गीता का पाठ और भगवान को तुलसी दल अर्पित करना शुभ होता है। इससे मन शांत होता है और घर में सुख-समृद्धि आती है।
भगवान परशुराम
इस माह में परशुराम जयंती भी आती है। भगवान परशुराम को विष्णु का छठा अवतार माना गया है। 2025 में यह जयंती 29 अप्रैल को मनाई जाएगी। इस दिन व्रत रखकर परशुराम जी की पूजा करना शक्ति और साहस प्रदान करता है।
भगवान विष्णु
वैशाख माह में भगवान विष्णु की आराधना करना अत्यंत पुण्यदायक माना गया है। विष्णु सहस्रनाम का पाठ, तुलसी जल अर्पण और व्रत-उपवास करने से जीवन की परेशानियां दूर होती हैं।
मां सीता
धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक, वैसाख माह की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को देवी लक्ष्मी माता सीता के रूप में पृथ्वी से प्रकट हुई थीं। इसलिए यह तिथि विशेष रूप से पूजनीय मानी जाती है। पुराणों में उल्लेख है कि त्रेता युग का प्रारंभ भी वैशाख मास से ही हुआ था, जिससे इस माह का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व और भी बढ़ जाता है।
वैशाख में जरूर करें ये पुण्य कार्य
1. पवित्र नदी में स्नान: गंगा, यमुना, गोदावरी जैसी पवित्र नदियों में स्नान करना इस माह का सबसे बड़ा पुण्य माना जाता है। यदि नदियों में स्नान संभव न हो तो घर पर गंगाजल मिलाकर स्नान किया जा सकता है।
2. दान करना: इस माह में जल, छाता, वस्त्र, फल, अनाज और गौदान करना विशेष पुण्यकारी होता है। विशेष रूप से ब्राह्मणों, गरीबों और जरूरतमंदों को दान देना शुभ फल देता है।
3. राहगीरों को जल पिलाना: वैशाख माह से गर्मी का आरंभ होता है। इस दौरान प्यासे राहगीरों को ठंडा जल पिलाना और प्याऊ लगवाना बहुत ही पुण्य का कार्य है। यह न केवल शरीर को शीतलता देता है, बल्कि आत्मा को भी तृप्त करता है।
4. संकल्प और व्रत: इस माह में अच्छे संकल्प लेना, जैसे झूठ न बोलना, क्रोध न करना, जरूरतमंदों की मदद करना आदि जीवन में सकारात्मक बदलाव लाते हैं।
माना जाता है कि वैशाख माह में यदि श्रद्धा और निष्ठा से इन देवताओं की पूजा की जाए और यहां बताए गए पुण्य कार्य किए जाते हैं, तो जीवन में न केवल सर्वांगीण उन्नति होती है, बल्कि सुख-समृद्धि और धन की भी प्राप्ति होती है।
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