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Ganesh Puran: क्यों हुई थी देवताओं के बीच ये अनोखी प्रतियोगिता? गणेश जी कैसे बने प्रथम पूज्य?

Ganesh puran: जैसा की हम सभी जानते हैं किसी को भी अधिकार मांगने से नहीं मिलता, अधिकार पाने के लिए पहले योग्यता सिद्ध करनी पड़ती है। गणेश जी को भी प्रथम पूज्य बनने के लिए अपनी योग्यता सिद्ध करनी पड़ी थी। आइए जानतें हैं गणेश जी के प्रथम पूज्य बनने की ये अनोखी कथा।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Sep 11, 2024 15:11
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Ganesh puran: गणेश पुराण के अनुसार पहले जो जिसका इष्टदेव होता, वह उन्हीं की पूजा किया करता था। इससे देवताओं के महत्व में कमी आने की आशंका उत्पन्न हो गई, जिसकी वजह से देवताओं में परस्पर विवाद होने लगा। फिर सभी देवगण शिवजी के पास पहुंचे और पूछने लगे हे महादेव ! हम सबमें प्रथम पूजा का अधिकारी कौन है?

देवताओं की प्रतियोगिता 

देवताओं की बातें सुनकर शिवजी सोचने लगे किसे प्रथम पूजा का अधिकारी बनाया जाए? तभी उन्हें एक युक्ति सूझी, तब शिवजी बोले इसका निर्णय बातों से नहीं हो सकता। इसलिए एक प्रतियोगिता रखनी होगी। यह सुनकर देवगण सोच में पड़ गए। जब शिवजी को उनके मन की बात पता चली तो उन्होंने कहा आप सब घबराएं नहीं, मैं कोई कठिन प्रतियोगिता रखने वाला नहीं हूं। आप सभी को अपने-अपने वाहनों पर चढ़कर संसार की  परिक्रमा करनी होगी और जो सबसे पहले परिक्रमा पूरी कर मेरे पास लौटेगा वही प्रथम पूजा का अधिकारी होगा।

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शिवजी के इतना कहते ही सभी देवता अपने-अपने वाहन पर चढ़कर परिक्रमा करने निकल पड़े। किसी का वाहन हाथी था तो किसी का सिंह, किसी का भैंसा तो किसी का मृग,किसी का हंस तो किसी का उल्लू,किसी का घोड़ा तो किसी का कुत्ता।

सभी देवताओं में सबसे कमजोर गणेश जी का वाहन मूषक था। प्रतियोगिता जब शुरू हुई तो गणेश जी ने सोचा प्रतियोगिता में भाग लेने से क्या होगा, मैं तो काभी भी प्रथम आ ही नहीं सकता । ऐसे ही वे बहुत देर तक सोचते रहे। अंत में उन्हें एक युक्ति सूझी- शिवजी तो स्वयं ही जगदाता हैं, यह संसार उन्हीं का प्रतिबिम्ब है, तब क्यों न इन्हीं की परिक्रमा कर ली जाए। इनकी परिक्रमा करने से ही संसार की परिक्रमा हो जाएगी।

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शिवजी की परिक्रमा 

ऐसा निश्चय कर उन्होंने मूषक पर चढ़कर शिवजी कि परिक्रमा कि और उनके समक्ष जा पहुंचे। गणेश जी को देखकर शिवजी ने पूछा तुमने परिक्रमा पूर्ण कर ली। तब गणेश जी ने कहा हां मैंने परिक्रमा पूरी कर ली। शिवजी सोचने लगे कि इसे तो यहीं घूमते हुए देखा,फिर परिक्रमा कैसे कर आया?

कुछ देर बाद देवगण भी एक-एक कर परिक्रमा से लौटने लगे और गणेश जी को वहां बैठ देखा हैरान हो गए। फिर भी साहस करके  गणेश जी से पूछा- तुम परिक्रमा के लिए नहीं गए! गणेश जी ने कहा मैं तो कबका परिक्रमा पूरा जर आया। गणेश जी ने आगे कहा समस्त संसार तो शिवजी मे विद्यमान है,इनकी परिक्रमा करने से ही संसार कि परिक्रमा पूर्ण हो गई। गणेश जी कि बातें सुनकर शिवजी प्रसन्न हो गए और उन्हे प्रथम पूजा का अधिकारी बना दिया।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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First published on: Sep 11, 2024 03:11 PM

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