Astro Tips: हिंदू धर्म में भोजन को सिर्फ पेट भरने का साधन नहीं, बल्कि मन, आत्मा और शरीर को पवित्र करने वाला माना गया है। शास्त्रों में कहा गया है कि ‘जैसा अन्न, वैसा मन’ यानी जो हम खाते हैं, उसका असर हमारे सोचने-समझने और आध्यात्मिक जीवन पर पड़ता है। गरुड़ पुराण, मनुस्मृति और अन्य शास्त्रों में साफ-साफ बताया गया है कि कुछ लोगों के घर का खाना खाने से बचना चाहिए, क्योंकि यह पाप, नकारात्मक ऊर्जा और बुरे प्रभाव को हमारे जीवन में ला सकता है। शास्त्रों में भोजन को बहुत पवित्र माना गया है।
गरुड़ पुराण के आचार कांड के अनुसार भोजन सिर्फ शरीर को ताकत नहीं देता, बल्कि यह हमारे मन और आत्मा को भी प्रभावित करता है। भोजन में उस व्यक्ति की ऊर्जा और कर्म शामिल होते हैं, जिसके पैसे से या जिसके घर में वह तैयार हुआ। अगर हम गलत व्यक्ति के घर खाना खाते हैं, तो उसके पाप और नकारात्मकता का असर हम पर पड़ सकता है। इस कारण शास्त्रों कुछ खास लोगों के घर भोजन करने से मना किया गया है। आइए जानते हैं कि किन लोगों के घर पर भोजन करना शुभ नहीं बताया गया है?
क्रोधी व्यक्ति के घर का भोजन
क्रोध को शास्त्रों में सबसे बड़ा दुश्मन माना गया है। गरुड़ पुराण के अनुसार, जो व्यक्ति हमेशा गुस्से में रहता है, उसके घर का खाना खाने से बचना चाहिए। क्रोधी व्यक्ति की मानसिक अशांति और नकारात्मक ऊर्जा उसके भोजन में समा जाती है। जब हम ऐसा खाना खाते हैं, तो चिड़चिड़ाहट और अशांति हमारे मन को प्रभावित कर सकती है। शास्त्रों के अनुसार भोजन तैयार करने वाले की भावनाएं खाने में मिल जाती हैं। इस कारण क्रोधी के घर का भोजन हमें नहीं करना चाहिए।
किन्नरों के घर
गरुड़ पुराण में किन्नरों को दान देने को बहुत शुभ बताया गया है, क्योंकि इससे अक्षय पुण्य मिलता है लेकिन उनके घर भोजन करना मना है। इसका कारण यह है कि किन्नर कई तरह के लोगों से दान लेते हैं, जिनमें कुछ लोग अनैतिक स्रोतों से कमाई करते हैं। उनके घर का खाना ऐसे धन से भी बन सकता है, जो गलत तरीके से कमाया गया हो। ऐसी ऊर्जा वाला भोजन हमारे मन और आत्मा को दूषित कर सकता है। इस कारण किन्नरों को दान देना चाहिए लेकिन उनके घर पर भोजन नहीं करना चाहिए।
नशे के कारोबार से जुड़े लोगों का भोजन
जो लोग नशे का व्यापार करते हैं, उनकी कमाई दूसरों के जीवन को बर्बाद करने का कारण बनती है। गरुड़ पुराण के अनुसार ऐसे लोगों के घर का खाना खाने से व्यक्ति उनके पापों का हिस्सेदार बनता है। यह भोजन न केवल नैतिक रूप से गलत है, बल्कि यह हमारे आध्यात्मिक विकास को भी रोकता है। शास्त्रों के अनुसार, ऐसी कमाई से बना खाना मन को अशांत करता है और व्यक्ति को गलत रास्ते पर ले जा सकता है।
चरित्रहीन व्यक्ति के घर का खाना
मनुस्मृति और गरुड़ पुराण में चरित्रहीन व्यक्ति या अनैतिक आचरण करने वाली स्त्री या पुरुष के घर भोजन करने से मना किया गया है। ऐसा भोजन खाने से व्यक्ति की नैतिकता और छवि पर सवाल उठ सकते हैं। शास्त्रों के अनुसार ऐसे लोगों की ऊर्जा भोजन के जरिए हमारे मन में प्रवेश कर सकती है, जिससे हमारा चरित्र भी प्रभावित हो सकता है।
चोर या अपराधी के घर भोजन करना
गरुड़ पुराण के अनुसार चोर, धोखेबाज या किसी भी तरह के अपराध में लिप्त व्यक्ति के घर भोजन नहीं करना चाहिए। ऐसा व्यक्ति अपनी कमाई गलत तरीकों से करता है, और उसके घर का खाना उस गलत कमाई से बना होता है। जब हम ऐसा खाना खाते हैं, तो अनजाने में उसके पापों का हिस्सा बन जाते हैं। यह हमारे मन को अशांत कर सकता है और बुद्धि को भ्रष्ट कर सकता है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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