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आज विनायक चतुर्थी पर बने 3 दुर्लभ योग, जानें गणेश जी की पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि

Vinayak Chaturthi 2024: इस साल भगवान गणेश को समर्पित विनायक चतुर्थी का पर्व 9 जुलाई को मनाया जाएगा। चलिए जानते हैं गणपति बप्पा की पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि के बारे में।

Edited By : Nidhi Jain | Updated: Jul 9, 2024 08:12
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Vinayak Chaturthi 2024

Vinayak Chaturthi 2024: वैदिक पंचांग के अनुसार, हर माह शुक्ल पक्ष में आने वाली तृतीया तिथि से अगले दिन विनायक चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन खासतौर पर भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही व्रत भी रखा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो व्यक्ति इस दिन श्रद्धा भाव से भगवान गणेश की उपासना करता है, बप्पा उसके सभी दुख-दर्द हर लेते हैं। साथ ही उसके घर-परिवार में सुख-शांति, धन-धान्य और समृद्धि का वास होता है। आइए अब जानते हैं इस बार विनायक चतुर्थी के दिन कौन-कौन से शुभ योग का निर्माण हो रहा है।

विनायक चतुर्थी पर बने ये शुभ योग

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार आषाढ़ माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का आरंभ 09 जुलाई 2024 को प्रात: काल 06 बजकर 08 मिनट से हो रहा है, जिसका समापन अगले दिन 10 जुलाई को सुबह 07:51 मिनट पर होगा। ऐसे में उदयातिथि के आधार पर विनायक चतुर्थी का व्रत 9 जुलाई 2024 को रखा जाएगा।

हालांकि इस बार विनायक चतुर्थी का पर्व बेहद खास है, क्योंकि इस दिन एक या दो नहीं बल्कि तीन शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन सिद्धि योग, रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है। विनायक चतुर्थी के दिन सबसे पहले सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। ये योग 9 जुलाई को प्रात: काल 05:30 से लेकर 07:52 मिनट तक रहेगा। इसके बाद  9 जुलाई को प्रात: काल 06:08 मिनट से सिद्धि योग का आरंभ होगा, जिसका समापन अगले दिन 10 जुलाई को रात 02:27 मिनट पर होगा। सिद्धि योग के बाद रवि योग का निर्माण होगा, जिसका आरंभ 9 जुलाई को सुबह 07:52 पर होगा और समापन अगले दिन 10 जुलाई को सुबह 05:31 मिनट पर होगा।

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विनायक चतुर्थी की पूजा विधि

  • ब्रह्म मुहूर्त में उठें। स्नान आदि कार्य करने के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  • पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करें।
  • घर के मंदिर में एक चौकी स्थापित कर उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं।
  • चौकी पर भगवान गणेश की तस्वीर या मूर्ति को स्थापित करें।
  • गणपति बप्पा का रोली से तिलक करें। इसके बाद उन्हें चावल, दूर्वा, फल, फूल और पंचामृत अर्पित करें।
  • भगवान गणेश को लड्डू या मोदक का भोग लगाएं। इस दौरान “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का सात बार जाप करें।
  • अंत में बप्पा की आरती करें और घरवालों के बीच प्रसाद का वितरण करें।

9 जुलाई को अर्घ देने का समय क्या है?

विनायक चतुर्थी के दिन कुछ लोग व्रत भी रखते हैं, जिसमें अन्न का सेवन करने की मनाही होती है। हालांकि विनायक चतुर्थी का व्रत चन्द्रास्त के समय चंद्र देवता को अर्घ्य देने के बाद पूरा माना जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस दिन चन्द्रास्त का समय देर रात 09:58 मिनट है, तो इस समय चंद्र को अर्घ्य देने के बाद ही अपने व्रत को खोले।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र और धार्मिक मान्यता पर आधारित हैं और केवल जानकारी के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Written By

Nidhi Jain

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Nidhi Jain

First published on: Jun 24, 2024 09:35 AM

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