Vidura Niti: महाकाव्य महाभारत के सभी पात्र विशेष महत्व रखते हैं, लेकिन विदुर की बात अनूठी है। कौरवों के सेवक होकर भी वे पांडवों की नीति और नैतिकता के कारण वे उनके पक्ष में थे। धृतराष्ट्र, पांडु और विदुर के पिता एक ही थे, माताएं अलग-अलग थीं। लेकिन इसके बाजजूद उन्हें राजसी परिवार का हिस्सा नहीं माना गया था। यही कारण है कि वे आजीवन राजमहल से बाहर एक कुटिया में निवास करते थे। इससे भी रोचक बात यह है कि जब भगवान श्रीकृष्ण महाभारत युद्ध से पहले हस्तिनापुर आए थे, तो वे राजमहल में नहीं बल्कि विदुर की कुटिया में ही ठहरे थे। इसकी खास वजह थी विदुर की निष्पक्षता, ईश्वर भक्ति और अपार ज्ञान, जिसके भगवान श्रीकृष्ण और भीष्म पितामह बहुत बड़े प्रशंसक थे। अपने ज्ञान, रहन-सहन और स्वभाव के कारण वे ‘महात्मा विदुर’ कहलाते थे।
विदुर महान ज्ञानी और बेजोड़ नीतिज्ञ थे। उनकी शिक्षा-दीक्षा स्वयं उनके पिता यानी महर्षि वेद व्यास के पास हुई थी। उन्होंने सभी शास्त्रों का गहन अध्ययन किया था। उनकी नीतियां, सुझाव और विचार आज लोकप्रिय रूप में विदुर नीति के रूप में पढ़ीं और सुनी जाती हैं, जबकि यह विदुर नीति वास्तव में महाभारत महाकाव्य में उल्लिखित हस्तिनापुर के महाराज धृतराष्ट्र के साथ उनका संवाद है। विदुर नीति पुस्तक में जीवन के विविध विषयों और लगभग हर पहलू पर विस्तार से चर्चा की गई है। उनकी नीतियों में टाइम मैनेजमेंट यानी समय प्रबंधन, सही संगति और मानव स्वभाव की खास चर्चा की गई है। विदुर नीति के अनुसार, कुछ व्यक्तियों से हमेशा दूरी बनाकर रखनी चाहिए, जो तरक्की और बरकत में बाधा बनते हैं।
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इन 3 लोगों से बनाकर रखें दूरी
विदुर नीति में महात्मा विदुर ने जीवन जीने के कई मूल्यवान सिद्धांत दिए हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है कि कुछ लोगों से दूरी बनाकर रखना ही बुद्धिमानी होती है। विदुर जी के अनुसार, 3 तरह के लोग ऐसे होते हैं, जो व्यक्ति के जीवन में बाधाएं उत्पन्न कर सकते हैं। विदुर ने कहा है कि इन 3 लोगों से बचकर रहने में ही भलाई है। ऐसे लोग आपकी तरक्की में रुकावट पैदा करते हैं और इनकी वजह से आप हमेशा संकट से घिर सकते हैं।
ईर्ष्यालु लोग
जो लोग दूसरों की सफलता पर ईर्ष्या करते हैं, वे अक्सर दूसरों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते हैं। वे आपके खिलाफ षड्यंत्र रच सकते हैं या आपकी बदनामी कर सकते हैं। दरअसल, ऐसे लोगों को विदुर नीति में छिपा हुआ दुश्मन कहा गया है। ये अपने और पराये कोई भी हो सकते हैं। व्यवहारिक जिंदगी की बात करें, तो प्रायः अपने घर, परिवार, खानदान या समाज के लोग ही आपके प्रगति और विकास को देखकर जलते हैं और पीछे की और खींचते हैं।
छलकपट करने वाले लोग
ऐसे लोग जो छलकपट करने वाले होते हैं, झूठ बोलते हैं और दूसरों को धोखा देते हैं। इसलिए उनसे हमेशा सावधान रहना चाहिए और जहां तक हो दूरी बनाकर रखनी चाहिए। वे आपका विश्वास तोड़ सकते हैं और आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं। हालांकि छली होने के कारण ऐसे लोगों को जल्दी पहचानना आसान नहीं होता है, लेकिन दुष्टता और दुर्गुण छिपते नहीं हैं। यह जल्द ही समझ में आ जाता है कि कौन व्यक्ति कैसा है?
आलसी लोग
विदुर नीति के मुताबिक, जो लोग आलसी होते हैं और काम से भागते हैं, वे आपके जीवन में नकारात्मक ऊर्जा ला सकते हैं। वे आपको भी आलसी बना सकते हैं और आपकी प्रगति में बाधा डाल सकते हैं। वे अपने आलस में काम को टालते रहते हैं, जिससे जरूरी काम भी समय पर न होने से भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। आलस न केवल समय और ऊर्जा का नुकसान करता है, बल्कि जीवन में असफलता का भी सबसे बड़ा कारण बनता है। ऐसे लोगों से दूर रहकर ही आप अपनी प्रगति को सुनिश्चित कर सकते हैं और अपनी प्रगति की रफ्तार को दुगुना कर सकते हैं।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी विदुर नीति पुस्तक की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।