Vidur Niti: महात्मा विदुर कहने को तो एक राजनीतिज्ञ थे लेकिन उनकी बुद्धि का लोहा द्वापर युग से लेकर आज तक सभी मानते हैं। ऐसा माना जाता है कि अगर महाराज धृतराष्ट्र विदुर के दिए हुए ज्ञान के अनुसार चलते, तो शायद महाभारत होती ही नहीं। विदुर ने अपने नीतिशास्त्र में कुछ ऐसे नियमों के बारे में बताया है जिसका पालन अगर आज भी कर लिया जाए तो कोई भी शत्रु न तो आपको हरा सकता है और न ही कोई आपको सफल होने से रोक सकता है। चलिए जानते हैं कि वो 5 गुण क्या हैं? जो मनुष्य को सफल बनाते हैं।
1. अगर आप जीवन में कभी असफल नहीं होना चाहते हैं तो निद्रा, आलस्य, भय, क्रोध, तंद्रा अर्थात बेहोशी और प्रमाद यानि लापरवाही, इन 6 अवगुणों को तुरंत त्याग दें। विदुर कहते हैं कि जो भी मनुष्य इन 6 चीजों का त्याग कर समय पूर्वक अपना सभी काम करता है वह जीवन में न तो किसी से हार सकता है और न ही ऐसे मनुष्य को कोई भी सफल होने से रोक सकता है।
2. महात्मा विदुर का कहना है कि जो मनुष्य काम, क्रोध और लालच को अपने वश में कर लेता है वह वह किसी भी संकट को जीत सकता है। शास्त्रों में भी कहा गया है कि काम, क्रोध और लालच नरक के तीन द्वार हैं। विदुर नीति कहता है कि यदि किसी भी मनुष्य पर ये तीनों चीज हावी हो जाती हैं तो उसका विनाश निश्चित है।
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3. विदुर के अनुसार जब भी कोई मनुष्य पाप या कोई गलत काम कर धन-धान्य अर्जित करता है, तो उसका आनंद सभी उठाते हैं परंतु जब सजा भोगने का समय आता है तो वह मनुष्य अकेला ही सजा भोगता है। इसलिए मनुष्यों को चाहिए कि वह कोई भी गलत काम न करें। जो मनुष्य सदमार्ग पर चलते हुए धन अर्जित करता है उसका शत्रु भी कुछ नहीं बिगाड़ सकता। सही तरीके से कमाए हुए धन से सफलता अवश्य ही मिलती है और समाज में प्रतिष्ठा भी बढ़ती है।
4. महात्मा विदुर कहते हैं जो मनुष्य किसी से ईर्ष्या नहीं करता, हर स्थिति में संतुष्ट रहता है, कड़वी से कड़वी बातों पर भी क्रोध नहीं करता, किसी दूसरे पर आश्रित नहीं रहता, किसी को शंका की नजर से नहीं देखता और जो किसी से घृणा न कर सभी से प्रेम करता है, वह जीवन मे कभी भी असफल नहीं होता।
5. महात्मा विदुर बताते हैं कि जो मनुष्य अपने सबसे करीबी पर भी आंख बंद कर विश्वास नहीं करता और जो अपना राज कभी किसी से नहीं बताता, ऐसा मनुष्य भी सफलता के शिखर तक अवश्य पहुंचता है।
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