Home Vastu Tips: अगर आप नया घर या फ्लैट खरीदने जा रहे हैं, तो सिर्फ उसकी डिजाइन या लोकेशन नहीं, बल्कि वास्तु शास्त्र के नियमों का ध्यान रखना भी बेहद जरूरी है। वास्तु सिर्फ एक प्राचीन परंपरा नहीं, बल्कि यह ऊर्जा संतुलन का विज्ञान है, जो जीवन के सुख-दुख पर सीधा असर डालता है। सही दिशा, साफ-सुथरा वातावरण और संतुलित संरचना ही एक ‘सुखी घर’ की नींव होती है। आइए जानते हैं, फ्लैट या मकान खरीदते समय किन वास्तु बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए?
यहां घर खरीदने से बचें
वास्तु शास्त्र के अनुसार, किसी मंदिर, मस्जिद, चर्च या गुरुद्वारे के ठीक सामने या बहुत पास घर खरीदना शुभ नहीं माना जाता। ऐसे स्थानों पर लगातार घंटी, भीड़ या धार्मिक गतिविधियां होती हैं, जिससे घर की ऊर्जा असंतुलित हो सकती है। यह वास्तु दोष नकारात्मक प्रभाव डालता है और परिवार में मानसिक तनाव या अस्थिरता ला सकता है।
घर के सामने न हो ये चीज
किसी भी घर या भूमि के सामने अगर कचरे का ढेर या गंदगी है, तो उसे तुरंत नज़रअंदाज़ न करें। यह न केवल सेहत के लिए नुकसानदायक है, बल्कि वास्तु दोष भी पैदा करता है। माना जाता है कि गंदगी या बदबू नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है और धन की हानि का कारण बनती है। घर के चारों ओर हमेशा स्वच्छता और खुलापन रखें, यही समृद्धि की पहली शर्त है।
भूमि के बीच में न हो ये चीज
अगर आप नई भूमि खरीद रहे हैं, तो ध्यान दें कि प्लॉट के बीच में कोई गड्ढा, कुआं या गहरा स्थान न हो। ऐसी जगह वास्तु दोष का कारण बनती है और परिवार में अस्थिरता या आर्थिक हानि का संकेत देती है। वास्तु के अनुसार, ज़मीन का मध्य भाग ऊँचा और समतल होना शुभ माना जाता है।
रखें ऊंचाई का सही संतुलन
घर की ऊंचाई का भी वास्तु से गहरा संबंध है। यदि पूर्व या उत्तर दिशा में ऊंचाई, पहाड़ या बड़ी दीवार है, तो यह अशुभ माना जाता है। इन दिशाओं से आने वाली सकारात्मक ऊर्जा रुक जाती है, जिससे विकास रुक सकता है। वहीं, दक्षिण और पश्चिम दिशा में ऊंचाई होना शुभ माना जाता है। यह दिशा स्थिरता, सम्मान और सुरक्षा का प्रतीक है।
समझें पानी और हरियाली का महत्व
अगर घर के उत्तर या पूर्व दिशा में पानी का स्रोत, जैसे तालाब, फव्वारा या नल का कनेक्शन है, तो यह अत्यंत शुभ होता है। जल तत्व धन और समृद्धि का प्रतीक है। इसके साथ ही, घर के आस-पास पेड़-पौधे और हरियाली का होना सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।
ऐसा हो मुख्य द्वार का वास्तु
घर का मुख्य द्वार ‘ऊर्जा का प्रवेश द्वार’ माना जाता है। अगर यह पूर्व दिशा की ओर है, तो घर में सुख, शांति और स्वास्थ्य बना रहता है। द्वार के आसपास हमेशा रोशनी और साफ-सफाई रखें। भारी सामान या जूते मुख्य द्वार पर न रखें, क्योंकि यह सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह में बाधा डालता है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।










