साल में आने वाली प्रत्येक अमावस्या तिथि का खास महत्व है, जिस दिन पूजा-पाठ और स्नान-दान करने से साधक को विशेष फल मिलता है। वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार, हर महीने एक अमावस्या तिथि आती है। इस समय वैशाख माह चल रहा है। ऐसे में अप्रैल माह में वैशाख अमावस्या का व्रत रखा जाएगा। वैशाख अमावस्या के दिन भगवान विष्णु की पूजा, किसी पवित्र नदी में स्नान और जरूरतमंद लोगों को दान देना शुभ माना जाता है। इसके अलावा इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और व्रत भी रखा जाता है।
चलिए जानते हैं अप्रैल माह में किस दिन वैशाख अमावस्या का व्रत रखा जाएगा। साथ ही आपको श्री हरि विष्णु की पूजा के शुभ मुहूर्त और विधि के बारे में पता चलेगा।
2025 में कब है वैशाख अमावस्या?
वैदिक पंचांग के मुताबिक, इस साल वैशाख माह में आने वाली कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि का आरंभ 27 अप्रैल को प्रात: काल 04 बजकर 49 मिनट से हो रहा है, जिसका समापन 28 अप्रैल 2025 को सुबह 01 बजे होगा। उदया तिथि के आधार पर इस साल 27 अप्रैल 2025, दिन रविवार को वैशाख अमावस्या का व्रत रखा जाएगा।
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27 अप्रैल 2025 के शुभ मुहूर्त
- ब्रह्म मुहूर्त- प्रात: काल में 03:57 से लेकर 04:41 मिनट तक
- तर्पण का समय- प्रात: काल 04:49 से लेकर 28 अप्रैल को सुबह 01:00 मिनट तक
- अभिजित मुहूर्त- सुबह 11:30 से लेकर दोपहर 12:22 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त- शाम में 06:25 से लेकर 06:47 मिनट तक
- निशिता मुहूर्त- देर रात 11:33 ले लेकर अगले दिन सुबह 12:17 मिनट तक
वैशाख अमावस्या की पूजा विधि
- अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त से पहले उठें।
- ब्रह्म मुहूर्त में स्नान आदि कार्य करने के बाद हरे रंग के कपड़े धारण करें।
- व्रत का संकल्प लें।
- पितरों की आत्मा की शांति के लिए पूजा करें।
- भगवान विष्णु की पूजा करें और श्री हरि को समर्पित मंत्रों का जाप करें।
- ब्राह्मणों को धन दें।
- जरूरतमंद लोगों को भोजन, कपड़े और धन का दान करें।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।