Upcoming Festivals: इस सप्ताह भारत में कई महत्वपूर्ण त्योहार आने वाले हैं, जो हर क्षेत्र और संस्कृति में खास हैं। इन त्योहारों में भगवान के प्रति आस्था, प्रकृति से जुड़ाव और समृद्धि की कामनाएं होती हैं। हर दिन एक नया त्योहार मनाया जाएगा, जो न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि हमारे जीवन में सकारात्मकता और संतुलन लाने में भी मदद करेगा। इस सप्ताह की प्रमुख तिथियां और उनका महत्व जानकर हम इन त्योहारों का आनंद ले सकते हैं। आइए जानते हैं…
वैकुंठ एकादशी (10 जनवरी, शुक्रवार)
वैकुंठ एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन भक्त उपवास रखते हैं और विष्णु भगवान की आराधना करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत से वैकुंठ के द्वार खुलते हैं, जो मोक्ष प्राप्ति का मार्ग है। यह दिन पापों से मुक्ति और आध्यात्मिक शुद्धि का प्रतीक है।
कूर्म द्वादशी (10 जनवरी, शुक्रवार)
कूर्म द्वादशी भगवान विष्णु के कूर्म (कछुआ) अवतार की पूजा का पर्व है। यह अवतार धैर्य और स्थिरता का प्रतीक है। इस दिन भक्त विष्णु भगवान की स्तुति करते हैं और अपने जीवन में धैर्य और सहनशीलता को मजबूत करने की प्रार्थना करते हैं।
शनि त्रयोदशी (11 जनवरी, शनिवार)
शनि त्रयोदशी शनि देव को समर्पित है। इस दिन तिल, तेल और दीपक से पूजा की जाती है ताकि शनि की कृपा प्राप्त हो सके। यह दिन शनि के अशुभ प्रभाव को कम करने और जीवन में अनुशासन, समृद्धि और धैर्य लाने का अवसर है।
शाकंभरी पूर्णिमा (13 जनवरी, सोमवार)
यह पर्व देवी शाकंभरी को समर्पित है, जिन्हें अन्न और पोषण की देवी माना जाता है। इस दिन भक्त देवी की पूजा करते हैं और प्रकृति के प्रति आभार प्रकट करते हैं। यह दिन फसल के लिए धन्यवाद देने और समृद्धि की कामना का प्रतीक है।
अरुद्रा दर्शन (13 जनवरी, सोमवार)
अरुद्रा दर्शन भगवान शिव के नटराज रूप की आराधना का पर्व है। यह दिन तमिल कैलेंडर में विशेष महत्व रखता है। भक्त शिव मंदिरों में जाकर अभिषेक दर्शन करते हैं और अपनी आत्मा को शुद्ध करने के लिए प्रार्थना करते हैं।
भोगी पांडिगई (13 जनवरी, सोमवार)
भोगी पर्व दक्षिण भारत में नए साल की शुरुआत के रूप में मनाया जाता है। इस दिन पुरानी और अनुपयोगी वस्तुओं को त्यागकर नई सकारात्मक ऊर्जा का स्वागत किया जाता है। बुरी आत्माओं को दूर भगाने के लिए अग्नि प्रज्ज्वलित की जाती है।
लोहड़ी (13 जनवरी, सोमवार)
लोहड़ी पंजाब का प्रमुख त्योहार है, जो फसल कटाई के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन लोग आग के चारों ओर नाच-गाना करते हैं और रबी फसल की समृद्धि के लिए भगवान का धन्यवाद करते हैं। यह दिन परिवार और दोस्तों के साथ खुशी का प्रतीक है।
पौष पूर्णिमा (13 जनवरी, सोमवार)
पौष पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान करने का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान से शांति, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति की प्रार्थना की जाती है।
मकर संक्रांति (14 जनवरी, मंगलवार)
मकर संक्रांति सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का पर्व है। यह सर्दी के अंत और गर्म दिनों की शुरुआत का प्रतीक है। इस दिन स्नान, पूजा और दान करना शुभ माना जाता है।
पोंगल (14 जनवरी, मंगलवार)
पोंगल दक्षिण भारत का प्रमुख पर्व है, जो सूर्य देव और फसल को समर्पित है। इस दिन विशेष भोजन बनाकर सूर्य देव को अर्पित किया जाता है। यह त्योहार प्रकृति के प्रति आभार प्रकट करने और नई ऊर्जा का स्वागत करने का अवसर है।
उत्तरायण (14 जनवरी, मंगलवार)
उत्तरायण सूर्य के उत्तर दिशा की ओर गमन का प्रतीक है। इसे शुभ समय माना जाता है और इस दिन नई शुरुआत, सकारात्मकता और विकास के लिए प्रार्थना की जाती है।
मकरविलक्कु (14 जनवरी, मंगलवार)
मकरविलक्कु केरल के सबरीमाला मंदिर में भगवान अयप्पा को समर्पित पर्व है। इस दिन हजारों भक्त दिव्य प्रकाश के दर्शन के लिए मंदिर में एकत्रित होते हैं और भगवान की कृपा प्राप्त करते हैं।
मट्टू पोंगल (15 जनवरी, बुधवार)
मट्टू पोंगल कृषि में मदद करने वाले पशुओं को समर्पित पर्व है। इस दिन किसान अपने गाय और बैलों को सजाते हैं, उनकी पूजा करते हैं और उनके प्रति आभार प्रकट करते हैं। यह दिन पशुओं के महत्व और प्रकृति के साथ हमारे संबंध का प्रतीक है।