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Religion

भगवान शिव को न चढ़ाएं ये फूल, अनजाने में भी मत करें ये भूल

Lord Shiv Puja: भगवान शिव को प्रसन्न करने लिए लोग कई प्रकार के फूलों को अर्पित करते हैं, लेकिन कुछ फूल ऐसे हैं, जिनको कभी भी भगवान शिव को अर्पित नहीं करना चाहिए।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Mohit Tiwari Updated: Jul 2, 2025 16:15
Lord Shiv Puja
भगवान शिव को अर्पित न करें ये फूल Credit- Pexels

Lord Shiv Puja: हिंदू धर्म में भगवान शिव को देवों का देव माना जाता है। शिवपुराण और अन्य शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव अपने भक्तों की सच्ची भक्ति से शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं। भक्त भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए कई प्रकार की चीजों से उनका अभिषेक करते हैं। इसके साथ ही अलग-अलग प्रकार के फूल भी भोलेनाथ को अर्पित किए जाते हैं। हालांकि, कुछ फूलों को भगवान शिव की पूजा में प्रयोग करना वर्जित माना गया है।

हिंदू शास्त्रों में फूलों को पूजा का अभिन्न अंग माना गया है। फूल सकारात्मक ऊर्जा, शुद्धता, सुगंध और भक्ति का प्रतीक हैं। शिवपुराण के अनुसार कि भगवान शिव को सफेद फूल, जैसे आक (मदार), हरसिंगार, चमेली, और धतूरा विशेष रूप से प्रिय हैं। आइए जानते हैं कि वे फूल कौन से हैं, जो भगवान शिव को अर्पित नहीं करने चाहिए।

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केतकी (केवड़ा) का फूल

शिवपुराण के अनुसार, केतकी का फूल भगवान शिव की पूजा में वर्जित है। इसका कारण एक पौराणिक कथा से जुड़ा है। एक बार ब्रह्मा और विष्णु में इस बात को लेकर विवाद हुआ कि दोनों में से कौन सर्वश्रेष्ठ है। इस विवाद का समाधान करने के लिए भगवान शिव ने एक ज्योतिर्लिंग प्रकट किया और कहा कि जो इसका आदि या अंत खोज लेगा, वही श्रेष्ठ माना जाएगा। ब्रह्मा ने ज्योतिर्लिंग का आदि खोजने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे। फिर भी, उन्होंने झूठ बोला कि उन्होंने आदि खोज लिया और केतकी के फूल को अपने झूठ का साक्षी बनाया। भगवान शिव को ब्रह्मा का यह झूठ और केतकी की सहमति अप्रिय लगी, जिसके कारण उन्होंने केतकी के फूल को अपनी पूजा से वर्जित कर दिया।

कमल का फूल

भगवान शिव को कमल का फूल नहीं अर्पित करना चाहिए। कई लोग कमल के फूल को भोलेनाथ को अर्पित अर्पित करते हैं, लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। माना जाता है कमल का फूल भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को प्रिय है। इसके साथ ही यह भोग और और विलास का प्रतीक है। वहीं भोलेनाथ त्याग और वैराग्य के देव हैं, इस कारण कमल का फूल प्रभु को नहीं चढ़ता है।

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पलाश का फूल

भगवान शिव को पलाश का फूल अर्पित नहीं करना चाहिए। इस फूल को टेसू भी कहते हैं। इसको अपवित्र माना जाता है। इस कारण भोलेनाथ को यह फूल अर्पित नहीं करना चाहिए।

कांटेदार फूल

जिन फूलों में कांटे होते हैं उन फूलों को भोलेनाथ को अर्पित नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से घर में गृह-कलेश उत्पन्न होता है।

बासी या मुरझाए हुए फूल

भूल से भी भगवान शिव को बासी और मुरझाए हुए फूल अर्पित नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से भगवान शिव प्रसन्न नहीं होता हैं और पूजा भी स्वीकार नहीं करते हैं।

लाल कनेर का फूल

भोलेनाथ को पीला कनेर काफी प्रिय है, लेकिन उनको लाल कनेर का फूल अर्पित करने से बचना चाहिए।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्रों की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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First published on: Jul 02, 2025 04:15 PM

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