Vidura Niti: महाभारत के एक महत्वपूर्ण पात्र विदुर कोई संत, ऋषि, मुनि या सिद्ध पुरुष नहीं थे। फिर भी उनको ‘महात्मा विदुर’ कहा जाता है। इसका मुख्य कारण था उनकी नैतिकता, बुद्धिमत्ता, नीति और धर्म के प्रति अटूट समर्पण, जिसका उन्होंने आजीवन पालन किया। वे एक तपस्वी की तरह जीवन जीते थे। वे कौरवों के एक मंत्री थे, वे चाहते तो ऐश्वर्यपूर्ण जीवन जी सकते थे। लेकिन वे राजमहल से बाहर एक कुटिया में रहकर सादा जीवन जीते थे। उन्हें धर्म, राजनीति, शास्त्र, समाज, व्यक्ति और व्यक्ति के आचार-विचार का गहरा ज्ञान था। यही कारण है कि महाज्ञानी और प्रतापी भीष्म पितामह भी उनसे मंत्रणा करते थे।
महाभारत में धृतराष्ट्र और विदुर का एक बेहद लंबा वार्तालाप मिलता है। इस वार्तालाप को विदुर नीति कहा जाता है, जिसे बाद में अलग से पुस्तक के पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया गया। आपको बता दें कि विदुर धृतराष्ट्र और पांडु के सौतेले भाई थे। उनकी विदुर नीति में बताई गई बातों का ध्यान रखने पर कोई भी मनुष्य कई परेशानियों से बच सकता है। उनकी इस नीति पुस्तक से 3 ऐसे खास सुझावों की यहां पर चर्चा की गई है, जिसे अपनाने से जीवन में सफलता मिल सकती है और अच्छा-खासा धन अर्जित कर सकते हैं।
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सही समय पर सही निर्णय लेना
विदुर ने बताया कि सफलता के लिए समय का सही उपयोग करना अत्यंत आवश्यक है। जो व्यक्ति समय को पहचानता है और उसके अनुसार कार्य करता है, वही सफल होता है। विदुर की यह नीति बतलाती है कि समय का महत्व सबसे अधिक है। इसलिए इसे गंवाना या व्यर्थ करना खुद को नष्ट करने जैसा है। इसलिए विदुर कहते हैं कि अवसर को पहचानना और उसका लाभ उठाना ही बुद्धिमानी है। जो लोग समय गंवाते हैं, वे जीवन में पिछड़ जाते हैं।
केवल पहले जमाने में ही नहीं बल्कि यदि आज परिदृश्य में भी बात करें तो व्यवसाय, निवेश या किसी भी कार्य में सही समय पर निर्णय लेना सफलता की कुंजी है। उदाहरण के लिए, यदि आप निवेश करना चाहते हैं, तो निवेश करते समय बाजार के रुझान को समझना और सही समय पर निवेश करना धन अर्जित करने में मदद करता है, जो बैंक बैलेंस में भी दिखता है।
धन का सही प्रबंधन
विदुर ने धन के सही प्रबंधन पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को अपनी आय के अनुसार खर्च करना चाहिए और अनावश्यक खर्चों से बचना चाहिए। विदुर नीति के तहत उन्होंने संयम और मितव्ययिता के नियम पर जोर दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि धन की बचत करना बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि आकस्मिक और आपातकाल में यही जमा किया हुआ धन हमारे काम आता है।
विदुर नीति की ये बातें और सच्ची सलाह आज के समय में भी प्रासंगिक है। इसलिए हर व्यक्ति को अपनी इनकम का एक हिस्सा बचत और निवेश में लगाना चाहिए। इसके लिए अनावश्यक खर्चों से बचकर और बजट बनाकर धन का सही प्रबंधन किया जा सकता है, जो कठिन समय में साथ देती है।
सही लोगों का साथ
कहा जाता है कि मनुष्य की पहचान इससे होती है कि उसकी संगति कैसी है। इसके लिए महात्मा विदुर ने सही संगति का महत्व पर विशेष जोर दिया है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि कहा कि व्यक्ति की सफलता और असफलता उसकी संगति पर निर्भर करती है। विदुर नीति कहती है कि अच्छे और बुद्धिमान लोगों का साथ व्यक्ति को सही दिशा देता है, जबकि गलत लोगों की संगति उसे पतन की ओर ले जाती है।
जहां तक जीवन में व्यावहारिक उपयोग की बात है, तो व्यवसाय, करियर या व्यक्तिगत जीवन में सही लोगों का साथ होना बहुत जरूरी है। अच्छे मार्गदर्शक, सहयोगी और मित्र सफलता दिलाने में मदद करते हैं। गलत संगति से बचकर ही व्यक्ति अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।