महाभारत के महान पात्रों में से एक, महाज्ञानी विदुर को नीति शास्त्र का अद्वितीय जानकार माना गया है। विदुर ने जीवन की सच्चाइयों को जिस सहजता और स्पष्टता से बताया है, वह आज भी उतनी ही प्रासंगिक है जितनी उस समय थी। विदुर नीति में उन्होंने जीवन, समाज और रिश्तों से जुड़ी कई कड़वी लेकिन बेहद उपयोगी बातें कही हैं, खासकर गरीबी और उससे जुड़ी सामाजिक चुनौतियों के बारे में।
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अभिशाप है धन का अभाव
विदुर कहते हैं कि जब तक इंसान के पास धन है, तब तक उसके अपने भी उसके साथ होते हैं। लेकिन जैसे ही धन का अभाव होता है, रिश्ते एक-एक करके छूटने लगते हैं। यहां तक कि अपने सगे भाई-बहन, सगे-संबंधी, रिश्तेदार और मित्र भी साथ छोड़ देते हैं। यह बात भले ही सुनने में कठोर लगे, लेकिन यही समाज की सच्चाई है।
मिलता है अपमान और तिरस्कार
गरीब इंसान के लिए जीवन एक सतत संघर्ष बन जाता है। विदुर नीति बताती है कि निर्धन व्यक्ति हमेशा किसी न किसी संकट में घिरा रहता है। उसे हर कदम पर अपमान और तिरस्कार का सामना करना पड़ता है। लोग उसके अच्छे विचारों और सलाहों को भी अनदेखा कर देते हैं, केवल इसलिए क्योंकि उसके पास पैसे नहीं हैं।
लोग मारते हैं ताना
समाज में गरीब व्यक्ति को दोयम दर्जे का समझा जाता है। लोग उसे ताना मारते हैं, उसकी उपेक्षा करते हैं, और यहां तक कि उसके आत्मसम्मान को भी ठेस पहुँचाते हैं। यह व्यवहार केवल बाहरी दुनिया से ही नहीं आता, बल्कि कभी-कभी घर के अंदर से, अपने ही रिश्तेदारों से भी होता है।
विदुर जी ने दिया ये सुझाव
लेकिन विदुर केवल समस्याएं ही नहीं बताते, बल्कि समाधान भी देते हैं। वे कहते हैं कि अगर इंसान धैर्य और साहस से प्रयास करता रहे, तो वह गरीबी को पीछे छोड़कर सम्मानपूर्ण जीवन जी सकता है। मेहनत, ईमानदारी और सही दिशा में सोच—यही वो हथियार हैं जो इंसान को अंधकार से उजाले की ओर ले जाते हैं।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।