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Surya Tilak: कई शुभ संयोग में किया जाएगा रामलला का सूर्य तिलक, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Surya Tilak Ram Navami: ज्योतिषियों के अनुसार, आज रामनवमी पर अयोध्या में भगवान श्री राम का सूर्य तिलक किया जाएगा। बता दें कि जिस समय भगवान श्री राम का सूर्य तिलक होगा उस समय कई ग्रह एक साथ रहेंगे। तो आज इस खबर में जानेंगे कि सूर्य तिलक का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि क्या रहेगा।

Edited By : Raghvendra Tiwari | Updated: Apr 17, 2024 07:51
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Surya Tilak

Surya Tilak Ram Navami: आज चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि है, साथी चैत्र नवरात्रि का नौवां दिन है। पंचांग के अनुसार, आज के ही दिन प्रभु श्री राम का जन्म हुआ था। बता दें कि प्रभु श्री राम का जन्म चैत्र माह के शुक्ल पक्ष के नवमी तिथि पर हुआ था। उस समय कई सारे शुभ संयोग बने थे। ज्योतिषियों का मानना है कि इस बार की रामनवमी पर कई सालों बाद ऐसा संयोग बन रहा है। आज प्रभु श्री राम की नगरी अयोध्या में रामनवमी को लेकर भव्य आयोजन किया गया है। आज राम मंदिर में भगवान श्री राम के मस्तक पर सूर्य तिलक किया जाएगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य तिलक के दौरान कई तरह के शुभ संयोग और मुहूर्त बनेगा। तो आज इस खबर में जानेंगे कि रामलला का सूर्य तिलक किस शुभ मुहूर्त में किया जाएगा और पूजा विधि क्या रहेगा।

रामलला का सूर्य तिलक का शुभ मुहूर्त

ज्योतिषियों के अनुसार, रामलला का सूर्य तिलक आज यानी 17 अप्रैल 2024 दिन बुधवार को दोपहर 12 बजे किया जाएगा। वाल्मीकि रामायण के मुताबिक, जिस समय में रामलला का सूर्य तिलक होगा उस समय भगवान श्री राम का जन्म हुआ था। जिसके वजह से यह मुहूर्त बहुत ही शुभ रहने वाला है। पंचांग के अनुसार, चैत्र रामनवमी तिथि की शरुआत कल यानी 16 अप्रैल को दोपहर 1 बजकर 23 मिनट से हो गई है और आज यानी 17 अप्रैल दिन बुधवार को दोपहर 3 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगी।

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जानें रामलला की पूजा विधि

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, रामनवमी का त्योहार प्रत्येक साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर होता है। बता दें कि इस दिन बड़े ही उत्साह और भक्ति भाव से श्री राम जी की पूजा की जाती है। सभी लोग अपने घरों और मंदिरों में राम जी की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। साथ ही जुलूस भी निकालते हैं। रामनवमी के दिन श्री राम जी की पूजा करने से पहले पूजा का संकल्प लें।

उसके बाद भगवान राम, लक्ष्मण और माता सीता के साथ हनुमान जी की मूर्ति स्थापित करें। उसके बाद मूर्ति को जल और पंचामृत से अभिषेक करें। साथ ही रोली और चंदन का तिलक करें। उसके बाद अक्षत और फूल अर्पित करें। साथ ही मिठाई का भोग लगाएं। साथ ही साथ रामचरितमानस, सुंदरकांड, राम रक्षास्तोत्र और हनुमान चालीसा का पाठ भी करें। इस विधि से पूजा करने से सारी मनोकामना पूर्ण हो जाती है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। 

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Edited By

Raghvendra Tiwari

First published on: Apr 17, 2024 07:51 AM

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