Religious Importance of Plantation: आज प्लांटेशन यानी पौधरोपण भले पर्यावरण संरक्षण करने की एक मुहिम है, लेकिन सनातन धर्म में इसका महत्व हजारों सालों से है। प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति ‘आयुर्वेद’ के अनुसार, पृथ्वी पर ऐसी कोई भी वनस्पति नहीं है, जो औषधि न हो और उसका धार्मिक महत्व न हो। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, पौधरोपण करने वाले व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। मान्यता है कि 10 कुओं के बराबर एक बावड़ी, 10 बावड़ियों के बराबर एक तालाब, 10 तालाब के बराबर 1 संतान और 10 संतान के बराबर एक वृक्ष का महत्व है। आइए जानते हैं, पौधरोपण का धार्मिक महत्व क्या है और किस पेड़ को लगाने से कौन-सा फल मिलता है?
पापों से मुक्ति: भविष्य पुराण के अनुसार, जो व्यक्ति पीपल या नीम या बरगद का एक, कैथा या कठबेल या आंवले के 3, आम के 5 और इमली के 10 पेड़ लगाता है, वह सब पापों से मुक्त हो जाता है।
संतान की प्राप्ति: धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, जो निस्संतान हैं, उन्हें पीपल का पेड़ अवश्य लगाना चाहिए। इस वृक्ष को लगाने वालों को जगतपालक विष्णुदेव के आशीर्वाद से संतान लाभ होता है।
शोक मुक्त जीवन: जो लोग अशोक वृक्ष लगाते हैं, उनके जीवन से रोग और शोक मिट जाते हैं। केवल इतना ही नहीं बल्कि पास-पड़ोस के घरों में भी खुशहाली रहती है।
ज्ञान की प्राप्ति: बृहस्पति पुराण के अनुसार, जो लोग ज्ञान के पिपासु हैं, उनें पाकड़ का वृक्ष लगाना चाहिए। इस से उत्तम ज्ञान की प्राप्ति होती है। वहीं, वट वृक्ष लगाने से मोक्ष मिलता है।
आरोग्य और आयु: बिल्वपत्र यानी बेल का वृक्ष लगाने से व्यक्ति का स्वास्थ्य उत्तम रहता है, वे दीर्घायु होते हैं।
धन की प्राप्ति: कदम्ब का वृक्षारोपण करने से धन की प्राप्ति होती है। वहीं, आम का वृक्ष लगाने से कामना सिद्ध होती है।
कुल में वृद्धि: पुराणों के अनुसार, तेंदू का वृक्ष लगाने से कुल (वंश) में वृद्धि होती है। वहीं, जामुन का वृक्ष धन पैतृक धन में वृद्धि करता है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित हैं और केवल जानकारी के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।