Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि 30 सितंबर को है. अष्टमी तिथि पर आप मां दुर्गा से जुड़े उपायों को कर जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता प्राप्त कर सकते हैं. आप दुर्गाष्टमी का व्रत के दौरान पूजा-पाठ और मंत्र जाप के अलावा मां दुर्गा के नामों का जाप कर सकते हैं. आप सच्ची श्रद्धा भाव से मां दुर्गा के 108 नाम का जाप करते हैं तो मां प्रसन्न होकर आपकी हर मनोकामना पूर्ण करेंगी. चलिए आपको शुभ मुहूर्त और मां दुर्गा के नामों के बारे में बताते हैं.
दुर्गाअष्टमी का शुभ मुहूर्त (Durga Ashtami Shubh Muhurat)
आश्विन माह की अष्टमी तिथि की शुरुआत 29 सितंबर की शाम को 4 बजकर 31 मिनट पर हो रही है. इसका समापन 30 सितंबर को शाम 6 बजकर 6 मिनट पर होगा. 30 सितंबर, मंगलवार को आप शुभ मुहूर्त में मां के 108 नामों का जाप कर सकते हैं. दुर्गाअष्टमी पर पूजा शुभ मुहूर्त – ब्रह्म मुहूर्त- सुबह में 04:55 से 05:43, अभिजित मुहूर्त- दोपहर में 12:06 से 12:53, विजय मुहूर्त- दोपहर में 02:29 से 03:17, गोधूलि मुहूर्त- शाम में 06:28 से 06:52 और सायाह्न सन्ध्या- शाम में 06:28 से 07:40 पर है.
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मां दुर्गा के 108 नाम
- सती
- साध्वी
- भवप्रीता
- भवानी
- भवमोचनी
- आर्या
- दुर्गा
- जया
- आद्या
- त्रिनेत्रा
- शूलधारिणी
- पिनाकधारिणी
- चित्रा
- चंद्रघंटा
- महातपा
- मन
- बुद्धि
- अहंकारा
- चित्तरूपा
- चिता
- चिति
- सर्वमंत्रमयी
- सत्ता
- सत्यानंदस्वरुपिणी
- अनंता
- भाविनी
- भव्या
- अभव्या
- सदागति
- शाम्भवी
- देवमाता
- चिंता
- रत्नप्रिया
- सर्वविद्या
- दक्षकन्या
- दक्षयज्ञविनाशिनी
- अपर्णा
- अनेकवर्णा
- पाटला
- पाटलावती
- पट्टाम्बरपरिधाना
- कलमंजरीरंजिनी
- अमेयविक्रमा
- क्रूरा
- सुंदरी
- सुरसुंदरी
- वनदुर्गा
- मातंगी
- मतंगमुनिपूजिता
- ब्राह्मी
- माहेश्वरी
- ऐंद्री
- कौमारी
- वैष्णवी
- चामुंडा
- वाराही
- लक्ष्मी
- पुरुषाकृति
- विमला
- उत्कर्षिनी
- ज्ञाना
- क्रिया
- नित्या
- बुद्धिदा
- बहुला
- बहुलप्रिया
- सर्ववाहनवाहना
- निशुंभशुंभहननी
- महिषासुरमर्दिनी
- मधुकैटभहंत्री
- चंडमुंडविनाशिनी
- सर्वसुरविनाशा
- सर्वदानवघातिनी
- सर्वशास्त्रमयी
- सत्या
- सर्वास्त्रधारिणी
- अनेकशस्त्रहस्ता
- अनेकास्त्रधारिणी
- कुमारी
- एककन्या
- कैशोरी
- युवती
- यति
- अप्रौढ़ा
- प्रौढ़ा
- वृद्धमाता
- बलप्रदा
- महोदरी
- मुक्तकेशी
- घोररूपा
- महाबला
- अग्निज्वाला
- रौद्रमुखी
- कालरात्रि
- तपस्विनी
- नारायणी
- भद्रकाली
- विष्णुमाय
- जलोदरी
- शिवदुती
- कराली
- अनंता
- परमेश्वरी
- कात्यायनी
- सावित्री
- प्रत्यक्षा
- ब्रह्मावादिनी
- अंबे
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