Navratri 2024: शक्ति आराधना का महापर्व शारदीय नवरात्रि बृहस्पतिवार 3 अक्टूबर, 2024 से शुरू हो रहा है। देवी दुर्गा और उनके 9 रूपों की पूजा के इस 10 दिवसीय उत्सव का समापन विजयादशमी पर्व और रावण दहन के साथ 12 अक्टूबर, 2024 को हो जाएगा। प्राचीन परंपरा के अनुसार, नवरात्रि से जुड़ा एक बेहद महत्वपूर्ण अनुष्ठान इसके शुरू होने से एक दिन पहले यानी सर्व पितृ अमावस्या तिथि को संपन्न किया जाता है। इस अनुष्ठान को ‘महालया’ कहते हैं। यह अनुष्ठान आज 2 अक्टूबर की शाम में संपन्न किया जाएगा। आइए जानते हैं, महालया क्या है, हिन्दू धर्म में यह क्यों महत्वपूर्ण है और नवरात्रि से इसका क्या संबंध है?
महालया क्या है?
महालया दो शब्दों से मिलकर बना है, ‘महा’ और ‘आलय’। इस का अर्थ होता है, ‘महान निवास’ या ‘महा वास’। अपने अर्थों में यह पितृ पक्ष और नवरात्रि दोनों से संबंध रखता है। सर्व पितृ अमावस्या तिथि के दिन धरती पर आए सभी पितर अपने महान निवास यानी लोक को चले हैं। इस रूप में महालया पितृ पक्ष के समापन का प्रतीक है। वहीं, दूसरी ओर हिन्दू धर्म में महालया को दुर्गा पूजा त्योहार की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। इसके अगले दिन घट-स्थापना से विधिवत नवरात्रि की शुरुआत होती है।
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महालया का महत्व
हिन्दू धर्म में आश्विन महीने की सर्व पितृ अमावस्या तिथि बेहद महत्वपूर्ण है, आज के दिन भक्त और साधक देवी दुर्गा का धरती पर आगमन के लिए के आह्वान करते हैं। मां अपने भक्तों की पुकार कभी अनसुनी नहीं करती हैं और कैलाश पर्वत से यात्रा कर पृथ्वीवासियों के बीच रहने के लिए आती हैं। देवी दुर्गा के आह्वान और उनके धरती पर उनके 10 दिनों के निवास को ‘महालया’ कहा जाता है। इसलिए महालया के दिन देवी मां की अगवानी में स्वागत गान गाए जाते हैं, उनकी वंदना की जाती है और स्वागत में खास प्रार्थना की जाती है।
देवी प्रतिमा की आंखों में चढ़ता है रंग
नवरात्रि त्यौहार देवी पक्ष में महालया के शुभ दिन से शुरू होता है। महालया का त्यौहार पश्चिम बंगाल में भव्य तरीके से मनाया जाता है, क्योंकि इस राज्य में मां दुर्गा का स्वागत और पूजा किसी और जगह से अधिक भक्ति और पारंपरिक उत्साह के साथ होता है। इस दिन से कलाकार देवी दुर्गा की प्रतिमाओं पर रंग चढ़ाते हैं, विशेष कर मां दुर्गा की आंखें गढ़ी जाती हैं। इस दिन से दुर्गा पूजा के लिए पंडालों की तैयारियां शुरू हो जाती हैं।
महालया का नवरात्रि से संबंध
हिन्दू धर्म में महालया के बाद ही नवरात्रि का आरंभ होता है। मां अपने नौ रूपों में पूजी जाती हैं और घर-घर में विराजती हैं। यदि महालया देवी दुर्गा मनुष्यों के बीच नहीं आतीं तो नवरात्रि के नौ दिनों तक देवी मां के विभिन्न रूपों की पूजा संभव नहीं हो पाती। इस प्रकार महालया, नवरात्रि के उत्सवों को शुरू करने का एक तरीका है। नवरात्रि में देवी दुर्गा की पूजा करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और सुख, समृद्धि और शक्ति की प्राप्ति होती है। इस साल नवरात्रि 3 अक्टूबर, 2024 से शुरू हो रही है।
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