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Saraswati Puja Mantra: बसंत पंचमी कल, इन 5 मंत्रों से करें मां सरस्वती की वंदना, मिटेगा अज्ञान का अंधकार!

Saraswati Puja Mantra: माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी के दिन ज्ञान, विद्या और कला की देवी सरस्वती की पूजा जाती है। इस साल यह पर्व कल 2 फरवरी, 2025 को मनाया जाएगा। आइए जानते हैं, अर्थ के साथ मां सरस्वती के 5 प्रभावशाली मंत्र, जिनका जाप करने से बेहद लाभ होता है और मां सरस्वती ज्ञान का वरदान देती हैं।

Edited By : Shyam Nandan | Updated: Feb 1, 2025 22:14
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Saraswati Puja Mantra: हिंदू धर्म में बसंत पंचमी एक बेहद महत्वपूर्ण त्योहार है, जो हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। बसंत पंचमी को ज्ञान, संगीत, कला, बुद्धि और विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा का दिन माना जाता है। इस दिन लोग मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करके उनकी पूजा करते हैं और उनसे ज्ञान, बुद्धि और विद्या का आशीर्वाद मांगते हैं। इस त्योहार को ‘श्री पंचमी’ भी कहते हैं, क्योंकि इस दिन मां सरस्वती के पूजन से ज्ञान, विद्या और समृद्धि यानी श्री में वृद्धि होती है। भारतीय संस्कृति में ‘श्री’ देवी मां लक्ष्मी और मां सरस्वती दोनों के लिए प्रयोग किया जाता है।

इस साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि कल 2 फरवरी, 2025 रविवार को पड़ रही है। स्टूडेंट, टीचर और आर्टिस्ट यानी विशेष गीत, संगीत, नृत्य और चित्रकला के कलाकार इस दिन मां सरस्वती की खास आराधना करते हैं। यहां हंसवाहिनी सरस्वती मां की पूजा और आह्वान के लिए 5 विशेष मंत्र उनके अर्थ सहित दिए जा रहे हैं। मान्यता है कि इन मंत्रों से बुद्धि और वाणी की देवी मां सरस्वती का ध्यान और स्मरण करने से जीवन से अज्ञान का अंधकार मिट जाता है।

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1. सरस्वती वंदना मंत्र

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना॥
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥

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इस मंत्र का अर्थ है: जो माता कुंद फूल, चंद्रमा और हिम के समान श्वेत आभा वाली हैं। जो शुभ्र वस्त्र धारण करती हैं, वीणा धारण किए हुए हैं और श्वेत कमल पर विराजमान हैं। जिन्हें ब्रह्मा, विष्णु और महादेव सहित सभी देवता नमन करते हैं। वे देवी सरस्वती हमारी अज्ञानता को नष्ट करके हमारा कल्याण करें।

2. सरस्वती बीज मंत्र

ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः।

इस मंत्र का अर्थ है: इस मंत्र में ‘ऐं’ बीज मंत्र है, जो ज्ञान और वाणी की शक्ति को जागृत करता है। इस मंत्र का जाप करने से स्मरण शक्ति, वाणी में मधुरता और विद्या की वृद्धि होती है।

3. विद्या प्राप्ति मंत्र

सरस्वति नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणि।

विद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु मे सदा॥

इस मंत्र का अर्थ है: हे माता सरस्वती, आपको प्रणाम! आप इच्छाओं को पूर्ण करने वाली हैं और वरदान देने वाली हैं। मैं विद्या आरंभ कर रहा हूं, कृपया मुझे सफलता प्रदान करें।

4. सरस्वती गायत्री मंत्र

ॐ वागदैव्यै च विद्महे कामराजाय धीमहि।

तन्नो देवी प्रचोदयात्‌॥

इस मंत्र का अर्थ है: मैं ॐ के साथ वाणी की देवी सरस्वती का ध्यान करता हूं। सभी कामनाओं को पूरा करने वाले हे देवी सरस्वती, मुझे उच्च और अच्छी बुद्धि दें। वाणी की देवी मेरे मन को ज्ञान से प्रकाशित करें।

5. विद्या-बुद्धि वृद्धि मंत्र

महाश्वेता महाभोगा महाभाग्यसमन्विता।

महाश्रिया महादेवी महालक्ष्मी नमोऽस्तुते॥

इस मंत्र का अर्थ है: हे माता, आप अत्यंत शुभ्र आभा वाली, आनंददायिनी और भाग्यवर्धक हैं। आप ही महान ऐश्वर्य और समृद्धि की देवी हैं। हे मां सरस्वती, मैं आपको बारंबार प्रणाम कट हूं।

ऐसे करें मंत्र जाप

मां सरस्वती की पूजा के लिए सुबह स्नान कर सफेद या पीले वस्त्र पहनें। शुभ मुहूर्त में मां सरस्वती की प्रतिमा के सामने दीप जलाएं, सफेद और पीला पुष्प अर्पित करें। मां को फल और मिष्टान्न का भोग लगाएं। मन को शांत कर विधिपूर्वक इन मंत्रों का जाप करें। मान्यता है कि इन मंत्रों का कम से कम 108 बार जाप करने विशेष लाभ होता है। यदि यह संभव न हो तो ‘यथा शक्ति, यथा भाव’ यानी जितनी क्षमता हो, उतना ही जाप करें। माना जाता है कि विद्या में वृद्धि के लिए विद्यार्थियों को यह मंत्र नियमित रूप से जाप करने से लाभ होता है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Edited By

Shyam Nandan

First published on: Feb 01, 2025 10:14 PM

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