Raviwar Ke Upay: सप्ताह का प्रत्येक दिन किसी न किसी देवी देवता को समर्पित है। आज रविवार का दिन है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रविवार के दिन भगवान सूर्य की पूजा करने का विधान है। कहा जाता है कि जो लोग सच्चे मन से भगवान सूर्य देव की पूजा करते हैं उनकी सारी मनोकामना पूर्ण हो जाती है। साथ ही नौकरी और कारोबार के साथ धन में भी वृद्धि होती है। बता दें कि ज्योतिष शास्त्र में भगवान सूर्य की पूजा करने का विशेष महत्व बताया गया है लेकिन इसके लिए कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है। तो आइए आज इस खबर में जानेंगे कि सूर्य देव की पूजा कब करनी चाहिए, कैसे करनी चाहिए और जल अर्पित करने का मंत्र क्या है।
रविवार के दिन किस देवता की पूजा करनी चाहिए?
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, रविवार का दिन भगवान सूर्य देव को समर्पित है। रविवार के दिन सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए विधि विधान से पूजा और व्रत रखा जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान सूर्य देव की पूजा करने से सारी मनोकामना पूर्ण होती है। साथ ही धन संबंधित सारी परेशानियां खत्म हो जाती हैं।
कब करनी चाहिए सूर्य देव की पूजा ?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सुबह उठकर स्नान करने के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करना चाहिए, उसके बाद उगते हुए सूर्य देव की पूजा करनी चाहिए। मान्यता है कि केवल छठ महापर्व में ही डूबते हुए सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है। बाकी के दिनों में उगते सूर्य की पूजा होती है।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार उगते हुए सूर्य की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। बता दें सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए सबसे पहले आपको जल में लाल फूल, रोली और अक्षत डाला जाता है।
कैसे करनी चाहिए सूर्य देव की पूजा ?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य देव की पूजा करने से पहले आपको रविवार के दिन सुबह उठना होगा। उसके बाद स्नान करना होगा। स्नान करने के बाद उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए। अर्घ्य देते समय ॐ घृणि सूर्याय नमः मंत्र का जप करना चाहिए। मान्यता है कि इस तरह पूजा करने से नौकरी और कारोबार में लाभ होता है।
सूर्य देव को प्रसन्न करने का मंत्र क्या है?
धार्मिक ग्रंथों में भगवान सूर्य को वैद्य भी कहा गया है। मान्यता है कि जो लोग रविवार के दिन सूर्य देव की पूजा के साथ उपासना करते हैं उन्हें त्वचा से संबंधित सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं। साथ ही सूर्य देव का आशीर्वाद भी मिलता है। ” अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:। जपाकुसुम संकाशं काश्यपेयं महाद्युतिम “
यह भी पढ़ें- आज शनि और बुध कर चुके हैं नक्षत्र परिवर्तन, इन 3 राशियों के जीवन में होगी हलचल
यह भी पढ़ें- अंग्रेजी के पहले नाम के अक्षर से जान सकते हैं अपनी राशि, जानें प्रत्येक राशि का स्वभाव और स्वामी ग्रह
यह भी पढ़ें- तीन दिन बाद भगवान शिव इन 3 राशियों पर होंगे मेहरबान, मंगल देव बनाएंगे धनवान
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है और केवल जानकारी के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय पर सलाह लें।