Premanand Maharaj: भूत-प्रेतों के बारे में आपने सुना तो होगा ही। कहा जाता है कि अगर भगवान हैं तो भूत भी है। वहीं शास्त्रों में बताया गया है कि कैसे इंसान के कर्मों के आधार पर उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है, और कौन से लोग भूत-प्रेत बनते हैं। ये तो सभी जानते हैं कि जिंदगी और मौत एक सिक्के के दो पहलू हैं, जो अटूट सत्य है। इस दुनिया में जो भी आया है उसका जाना भी निश्चित है। आपने अक्सर सुना होगा कि किसी व्यक्ति के मरने के बाद उसकी आत्मा भटकती अब प्रेमानंद महाराज ने बताया है कि वो कौन से लोग हैं जिन्हें मरने के बाद मुक्ति नहीं मिलती और वो भूत-प्रेत बन जाते हैं।
कौन से लोग बनते हैं भूत-प्रेत
प्रेमानंद महाराज ने बताया कि वो कौन से लोग हैं जो भूत-प्रेत बनते हैं। महाराज ने बताया कि वो लोग जो अपने जीवन का महत्व नहीं समझते और आत्महत्या कर लेते हैं उनकी शास्त्रों में भी निंदा की गई है। आत्महत्या करने वालों को इस सृष्टि में सबसे ज्यादा दंड दिया जाता है और उन्हें मरने के बाद काफी कष्ट भोगना पड़ता है।
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नहीं दिया जाता पीने को पानी
प्रेमानंद ने बताया कि किसी भी परेशानी का हल जान देना नहीं है। अगर आप परीक्षा में फेल हो रहे हैं या जीवन में कोई बड़ा दुख है या फिर घर में क्लेश है। इसका हल आत्महत्या करना नहीं है। जो लोग ऐसा करते हैं उन्हें कायर कहा जाता है। उन्हें पीने के लिए पानी भी नहीं मिलता और उन्हें बहुत मुश्किल से मनुष्य जन्म मिलता है।
जिन लोगों के जीवन में नहीं कोई लक्ष्य वो क्या करें
प्रेमानंद ने बताया कि जो लोग आत्महत्या करते हैं वो समझ लें कि वो भयानक पीड़ा झेलने वाले हैं। वो न तो अपनी इच्छा न तो चल सकते हैं और न ही अपनी इच्छा से पानी पी सकते हैं। ऐसे में अगर आपके जीवन में कोई लक्ष्य ही नहीं बचा है जीने का तो भगवान के लिए जीना सीखो, दूसरों के लिए परोपकार करो। जो लोग आत्महत्या करते हैं वो अपने अगले जन्म के लिए भी कांटे बोते हैं।
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