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Religion

Karni Mata Temple: PM मोदी करेंगे देशनोक के करणी माता मंदिर में दर्शन, जहां निवास करते हैं 25 हजार चूहे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 मई, 2025 को राजस्थान के बीकानेर जिले के देशनोक में स्थित प्रसिद्ध करणी माता मंदिर के दर्शन करेंगे। इस मंदिर को चूहों मंदिर भी कहते हैं, क्योंकि यहां कोई हजार, दो हजार नहीं बल्कि 25 हजार चूहे निवास करते हैं और बेहद पवित्र माने जाते हैं। आइए जानते है, देशनोक करणी माता मंदिर की विशेषताएं क्या हैं?

Author Edited By : Shyamnandan Updated: May 21, 2025 11:47
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 मई, 2025 को राजस्थान के बीकानेर जिले के देशनोक में प्रसिद्ध करणी माता मंदिर के दर्शन करेंगे। उनके साथ इस यात्रा में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी शामिल होंगे। यह यात्रा न सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी बेहद खास मानी जा रही है।

करणी माता: एक दिव्य और चमत्कारी देवी

करणी माता को मां दुर्गा का अवतार माना जाता है। वे जोधपुर और बीकानेर के राजपरिवारों की कुलदेवी भी हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, करणी माता ने विवाह के बाद सांसारिक जीवन को त्याग कर कठोर तपस्या शुरू की और करीब 151 वर्षों तक जीवित रहीं। उनके चमत्कारों और आशीर्वाद की अनेक कथाएं राजस्थान में प्रचलित हैं।

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मंदिर की अनोखी पहचान: 25 हजार चूहे

देशनोक स्थित यह मंदिर दुनिया भर में अपनी एक अनूठी वजह से मशहूर है। यहां करीब 25 हजार चूहे रहते हैं, जिन्हें श्रद्धालु ‘काबा’ कहकर पूजते हैं। ये चूहे मंदिर के हर कोने में आपको नजर आएंगे, और आश्चर्य की बात यह है कि ये किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते। इस मंदिर को चूहों का मंदिर भी कहा जाता है।

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यहां यह मान्यता भी है कि अगर किसी भक्त को मंदिर में सफेद चूहा दिखाई दे जाए, तो उसे बहुत शुभ संकेत माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि सफेद चूहे का दर्शन जीवन की सभी मनोकामनाएं पूरी करता है और दुर्भाग्य को दूर करता है।

प्रसाद भी है विशेष: चूहों के स्पर्श से पवित्र

करणी माता मंदिर का प्रसाद भी खास होता है। पहले इसे चूहों के सामने रखा जाता है और जब वे उसे चख लेते हैं, तभी वह प्रसाद भक्तों को बांटा जाता है। श्रद्धालु इस प्रसाद को ‘अमृत’ मानकर ग्रहण करते हैं।

यहां के भक्तों की श्रद्धा इतनी गहरी होती है कि वे मंदिर में बहुत सावधानी से चलते हैं, ताकि कोई चूहा उनके पैरों के नीचे न आ जाए। कई लोग तो पैरों को घिसटते हुए चलते हैं, जिससे चूहों को नुकसान न पहुंचे।

सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संदेश

करणी माता मंदिर, आस्था, परंपरा और अद्भुत भक्ति का ऐसा संगम है जो हर किसी को चौंकाता भी है और मोहित भी करता है। वास्तव में, इस मंदिर की यात्रा हर उस व्यक्ति के लिए एक अद्वितीय अनुभव है जो भारतीय संस्कृति की गहराई और विविधता को महसूस करना चाहता है।

करणी माता मंदिर कैसे पहुंचे?

करणी माता मंदिर बीकानेर शहर के बीचो-बीच, बाला किला और सागर पैलेस के पास स्थित है। यहां आप स्थानीय बसों या ऑटो रिक्शा से पहुंच सकते हैं। यह शहर राज्य-संचालित बसों द्वारा भी अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है; आप उनमें से किसी एक से यात्रा करना चुन सकते हैं।

  • कार: करणी माता मंदिर, बीकानेर सिटी सेंटर से लगभग 4.4 किलोमीटर दूर है। कार से यहां पहुंचने में लगभग 11 मिनट लगते हैं।
  • रेलवे: मंदिर, बीकानेर रेलवे स्टेशन से 4.9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। रेलवे स्टेशन से आप रिक्शा या टैक्सी लेकर करीब 15 मिनट में मंदिर पहुंच सकते हैं।
  • हवाई मार्ग: करणी माता मंदिर, बीकानेर सिविल एयरपोर्ट से 16.9 किलोमीटर दूर है। एयरपोर्ट से टैक्सी या ऑटो लेकर करीब 30 मिनट में मंदिर पहुंचा जा सकता है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: May 21, 2025 11:47 AM

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