Pitru Paksh 2024: हिन्दू धर्म में साल के 365 के दिनों में से 16 दिन केवल पितरों और पूर्वजों को याद करने और उनको श्रद्धांजलि देने के लिए निर्धारित हैं। इससे पता चलता है कि पितृपक्ष का हिंदू धर्म में क्या महत्व है। मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान पूर्वज या पितर पृथ्वी लोक पर आते हैं और अपने वंशजों को आशीष देते हैं। पितृपक्ष के 16 दिनों के दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान किया जाता है। इसके साथ ही इन दिनों में कुछ विशेष चीजों का दान करना भी बेहद शुभ माना गया है। मान्यता है कि इन चीजों का दान करने से पितर खुश होते हैं और परिवार पर कृपा बरसाते हैं। आइए जानते हैं, पितृपक्ष में किन चीजों का दान करना शुभ माना गया है?
कब से कब तक है पितृपक्ष 2024?
पूर्वजों को याद करने और उन्हें श्रद्धांजलि देने का यह महाअनुष्ठान हर साल भादो मास की पूर्णिमा से शुरू होकर आश्विन मास की अमावस्या पर समाप्त होता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, साल 2024 में यह मंगलवार 17 सितंबर से शुरू हो चुका है। इस साल 17 सितंबर को पूर्णिमा श्राद्ध था, वहीं पितृपक्ष प्रतिपदा तिथि 18 सितंबर को थी। इस पक्ष का समापन सर्वपितृ अमावस्या से 2 अक्तूबर को होगा। बता दें, इस बार तिथि क्षय से हुए तिथि अंतर के कारण पितृपक्ष 16 दिन की बजाय मात्र 15 दिनों का है।
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पितृपक्ष में इन चीजों का दान करना है शुभ
कपड़ों का दान: पितृपक्ष के दौरान ब्राह्मणों को भोजन कराते हैं और मान्यता है कि ब्राह्मणों को भोजन कराने के साथ उन्हें वस्त्र दान करने से पूर्वज और पितर बेहद प्रसन्न होते हैं। आप उन्हें धोती-कुर्ता, पैंट-शर्ट, स्टॉल, टोपी आदि दान कर सकते हैं, लेकिन ध्यान रहे कि कोई वस्त्र काले रंग की, न हों।
गुड़ का दान: पितृपक्ष के दौरान गुड़ दान करना अत्यंत शुभ माना गया है। मान्यता है कि अगर आप भोजन के साथ गुड़ का दान करते हैं, तो यह आपके जीवन और घर में समृद्धि, धन और सौभाग्य को आकर्षित करता है। यह भी मान्यता है कि पितृपक्ष में गुड़ खाने से पितरों को भी तृप्ति का एहसास होता है।
काले तिल का दान: हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, श्राद्ध पक्ष में काले तिल का दान लाभकारी होता है। कहते हैं, काले तिल का दान करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है।
भोजन का दान: पितृपक्ष में भोजन का दान करना सबसे शुभ माना गया है। मान्यता है कि श्राद्ध पक्ष में भोजन का दान करने से पितरों से आशीर्वाद से जीवन में खुशहाली, शांति और आर्थिक संपन्नता आती है।
नमक का दान: मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान नमक दान करने से न केवल पितृदोष से छुटकारा मिलता है और पितर प्रसन्न होते हैं, बल्कि व्यक्ति पर नकारात्मक विचार हावी नहीं होते हैं। वहीं दूसरी ओर, विचारों की सकारात्मकता जीवन के लक्ष्यों तक पहुंचने में सहायता करती हैं।
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