---विज्ञापन---

Religion

Varuthini Ekadashi 2025: वरूथिनी एकादशी पर विष्णु जी को अर्पित करें ये 5 अमृत भोग, खुलेंगे किस्मत के द्वार

हिन्दू धर्मग्रंथों के मुताबिक, वरूथिनी एकादशी न केवल मोक्ष और आध्यात्मिक लाभ देती है, बल्कि जीवन में सकारात्मकता और सौभाग्य का संचार भी करती है। इस दिन पूरी श्रद्धा और नियमों का पालन करते हुए व्रत व पूजा करने से भगवान विष्णु की कृपा अवश्य प्राप्त होती है। इस दिन इन 5 अमृत भोगों के माध्यम से आप अपने जीवन में खुशियों के द्वार खोल सकते हैं। आइए जानते हैं, ये भोग कौन-कौन से हैं?

Author Edited By : Shyam Nandan Updated: Apr 22, 2025 13:18
Varuthini-Ekadashi-2025-Bhagwan-Vishnu-ke-Bhog

हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व होता है। यह दिन पूरी श्रद्धा और भक्ति से भगवान विष्णु को समर्पित होता है। वर्ष 2025 में वरूथिनी एकादशी का व्रत 24 अप्रैल को रखा जाएगा। यह एकादशी वैशाख मास के कृष्ण पक्ष में आती है। इसे सुख-समृद्धि, सौभाग्य और पापों से मुक्ति का द्वार माना गया है। इस दिन व्रत रखने और विशेष पूजन करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और दुर्भाग्य भी दूर हो जाता है।

वरूथिनी एकादशी का महत्व

शास्त्रों के अनुसार, वरूथिनी एकादशी व्रत करने से मनुष्य के सभी पाप नष्ट होते हैं और वह मोक्ष की प्राप्ति करता है। भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं युधिष्ठिर को इस व्रत की महिमा बताते हुए कहा था कि यह व्रत राजा मांधाता, राजा हरिश्चंद्र और अनेक पुण्यात्माओं ने किया था और उन्हें दिव्य लोकों की प्राप्ति हुई। इस दिन का मुख्य उद्देश्य मन, वचन और कर्म से पवित्रता बनाए रखना होता है। व्रतधारी को अहिंसा, ब्रह्मचर्य, सत्य और संयम का पालन करना चाहिए।

---विज्ञापन---

ये भी पढ़ें: Numerology: बेहद आरामदायक होता है इन 3 तारीखों में जन्मे लोगों का जीवन, इनमें कहीं आप भी तो नहीं?

वरूथिनी एकादशी पर भगवान विष्णु को अर्पित करें ये 5 अमृत भोग

हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार, वरूथिनी एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा विशेष फलदायी मानी गई है। इस दिन श्रद्धापूर्वक अर्पित किए गए भोग न सिर्फ भगवान को प्रसन्न करते हैं, बल्कि भक्तों के जीवन में सुख, शांति और सौभाग्य भी लाते हैं। आइए जानें वे 5 पवित्र और अमृततुल्य भोग जो इस दिन विष्णु जी को अर्पित करने पर सोया हुआ भाग्य भी जाग जाता है।

---विज्ञापन---

पीली मिठाइयां

भगवान विष्णु को पीला रंग अत्यंत प्रिय है। इसलिए इस दिन बेसन के लड्डू, केसरिया हलवा या पीली बर्फी जैसी मिठाइयों का भोग लगाना शुभ माना जाता है।

पंचामृत

पंचामृत यानी दूध, दही, शहद, घी और शक्कर से बना दिव्य भोग को अमृततुल्य माना गया है। इसे भगवान को स्नान कराने के बाद भोग के रूप में अर्पित करें।

ताजे फल

मौसमी फल जैसे केला, आम, पपीता, खीरा, तरबूज, खरबूज, चीकू आदि भगवान विष्णु को अर्पित करें। ध्यान रखें कि फल ताजे हों और साफ-सुथरे तरीके से परोसे जाएं।

तुलसी पत्र

भगवान विष्णु की पूजा में तुलसी का विशेष स्थान होता है। बिना तुलसी के भगवान विष्णु का हर भोग अधूरा माना जाता है। इसलिए हर भोग में तुलसी का पत्ता अवश्य रखें।

पंजीरी

धनिया, सूखे मेवों और आटे से बनी पंजीरी एक पारंपरिक भोग है जो भगवान को अत्यंत प्रिय है। इसमें घी और गुड़ का भी प्रयोग किया जा सकता है।

ये भी पढ़ें: यदि अटका है प्रमोशन, नहीं बढ़ रही है सैलरी, ये 7 रत्न करेंगे करियर की हर समस्या का समाधान

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

HISTORY

Edited By

Shyam Nandan

First published on: Apr 22, 2025 01:18 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें