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Religion

Neem Karoli Baba: नीम करोली बाबा ने बताया, हर भक्त में होने चाहिए हनुमान जी के ये 5 गुण

भारत के महान संत नीम करोली बाबा स्वयं हनुमान जी के महान भक्त थे। वे कहते थे की यदि कोई भक्त हनुमान जी के 5 गुणों को अपने जीवन में उतार ले, तो वह न केवल आध्यात्मिक रूप से समृद्ध होता है, बल्कि जीवन में आने वाली हर मुश्किल का डटकर सामना भी कर सकता है। बाबा कहते थे कि ये गुण न केवल हनुमान जी के आदर्श हैं, बल्कि हर मानव के जीवन को ऊंचाइयों तक ले जाने की कुंजी भी हैं। आइए जानते हैं, क्या हैं य गुण?

Author Edited By : Shyamnandan Updated: Apr 22, 2025 14:11
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नीम करोली बाबा का नाम सुनते ही श्रद्धा और भक्ति की एक अलौकिक ऊर्जा का आभास होता है। वे आधुनिक भारत के एक महान संत माने जाते हैं, जिनके भक्तों में स्टीव जॉब्स, मार्क जुकरबर्ग और कई विदेशी लोग भी शामिल हैं। उन्हें भगवान हनुमान जी का अवतार माना गया है। उनका कहना था कि हनुमान चालीसा की हर पंक्ति एक मंत्र है, जिसे अगर सच्चे मन से जपा जाए, तो जीवन की हर कठिनाई आसान हो सकती है।

नीम करोली बाबा हमेशा अपने भक्तों को हनुमान जी के गुणों को अपनाने की सलाह देते थे। उनका मानना था कि हर भक्त को हनुमान जी के 5 मुख्य गुणों को अपने जीवन में उतार लेना चाहिए, ताकि वह आध्यात्मिक रूप से प्रगति कर सके और प्रभु की कृपा पा सकें।

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पूर्ण भक्ति रखें

हनुमान जी की सबसे महान शक्ति थी– उनकी भक्ति। वे भगवान श्रीराम को सिर्फ भगवान नहीं, बल्कि प्रेम का प्रतीक मानते थे। उन्होंने हर परिस्थिति में श्रीराम के आदेश को सर्वोपरि रखा। नीम करोली बाबा कहते थे कि जब भक्ति में समर्पण होता है, तब हर राह आसान हो जाती है। जीवन में अगर प्रभु के प्रति निष्ठा और प्रेम हो, तो कोई भी संकट ज्यादा देर टिक नहीं सकता है।

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निर्भीक बनें

हनुमान जी का जीवन साहस और निडरता का प्रतीक है। चाहे रावण की लंका जलानी हो या अकेले राक्षसों की सेना से लड़ना, हनुमान जी कभी डरे नहीं। नीम करोली बाबा कहते थे, “जिसके साथ भगवान हैं, उसे किसी से डरने की ज़रूरत नहीं।” भक्त को चाहिए कि वह विपरीत परिस्थितियों में भी निर्भीक बने और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़े।

अहंकार से दूर रहें

हनुमान जी में असीम शक्ति थी, लेकिन उन्होंने कभी भी अपनी ताकत का घमंड नहीं किया। वे हमेशा विनम्र और प्रभु श्रीराम के आज्ञाकारी सेवक बने रहे। नीम करोली बाबा ने समझाया कि भक्ति का सबसे बड़ा शत्रु अहंकार है। एक सच्चे भक्त को चाहिए कि वह कभी अपनी उपलब्धियों का घमंड न करे, बल्कि उन्हें प्रभु की कृपा माने।

निःस्वार्थ सेवा करें

हनुमान जी का पूरा जीवन सेवा और समर्पण का आदर्श है। उन्होंने कभी किसी कार्य के लिए फल की इच्छा नहीं की। उनके हर कर्म का उद्देश्य सिर्फ प्रभु श्रीराम की सेवा था। नीम करोली बाबा सिखाते थे कि सेवा ही सच्ची साधना है। जब हम दूसरों की भलाई के लिए निःस्वार्थ भाव से काम करते हैं, तब हमें परमात्मा का सानिध्य प्राप्त होता है।

मन पर नियंत्रण रखें

हनुमान जी ने कठिन तप और साधना से अपने मन को पूरी तरह से संयमित किया। उनका मन कभी इधर-उधर नहीं भटका, और वे हमेशा प्रभु के चरणों में लीन रहे। नीम करोली बाबा कहते थे, “जो अपने मन को जीत लेता है, वही सच्चा विजेता होता है।” जीवन में शांति, सफलता और संतोष पाने के लिए मन की स्थिरता बेहद जरूरी है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Apr 22, 2025 02:11 PM

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